नई दिल्ली। आईटी कंपनी इंफोसिस को विशाल सिक्का के आने के बाद जितना फायदा हुआ था उसका करीब 45 फीसदी सिक्का के त्यागपत्र से ही खत्म हो गया है। शेयर बाजार में इंफोसिस की वेल्युएशन पर नजर डालें तो जून 2014 में विशाल सिक्का के कार्यभार संभालने के समय इंफोसिस की मार्केट कैप लगभग 1.80 लाख करोड़ रुपए थी और पिछले कर गुरुवार तक इसकी मार्केट कैप 2.35 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। लेकिन शुक्रवार को विशाल सिक्का के त्यागपत्र की खबर से शेयर बाजार में इंफोसिस के शेयर में करीब 10 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई जिससे इसकी मार्केट कैप में भी भारी कमी आई है।
गुरुवार को इंफोसिस की मार्केट कैप लगभग 2.35 लाख करोड़ रुपए दर्ज की गई थी लेकिन शुक्रवार को त्यागपत्र की खबर आने के बाद इसकी मार्केट कैप लगभग 2.10 लाख करोड़ रुपए रह गई है। जून 2014 से लेकर 17 अगस्त 2017 तक इंफोसिस की मार्केट कैप में लगभग 55 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई थी और शुक्रवार को 3 घंटे में ही यह बढ़ोतरी घटकर 30 हजार करोड़ रुपए रह गई। यानि विशाल सिक्का ने 3 साल की मेहनत से कंपनी को जितना फायदा दिया था उसका 45 फीसदी सिर्फ 3 घंटे में त्यागपत्र से ही साफ हो गया।
हालांकि मार्केट के जानकार मान रहे हैं कि इंफोसिस के फंडामेंटल मजबूत है और लंबी अवधि में इसके शेयरों में फिर से तेजी आ सकती है। वी एम फाइनेंशियल के विवेक मित्तल का कहना है कि इस घटनाक्रम के बावजूद वह कंपनी मे अब भी काफी पॉजिटिव ग्रोथ देख रहे हैं।
शुक्रवार सुबह इंफोसिस ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विशाल सिक्का ने तुरंत प्रभाव से त्यागपत्र दे दिया है, हालांकि उनको एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है। विशाल सिक्का की जगह अब यू बी प्रवीण राव को अंतरिम मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ नियुक्त किया गया है। विशाल सिक्का ने जून 2014 में इंफोसिस की कमान संभाली थी।
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