मुंबई। देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज NSE ने शेयर ऑप्शंस और करेंसी डेरिवेटिव्स में सौदा शुल्क उल्लेखनीय रूप से कम कर दिया है। कारोबारी सदस्यों को शेयर आंप्शंस खंड में 3 करोड़ रुपए तक के मासिक कारोबार या प्रीमियम मूल्य पर एक महीने के लिये 2,500 रुपए का निश्चित सौदा शुल्क देना होगा।
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इससे पहले, प्रतिद्वंद्वी स्टॉक एक्सचेंज BSE ने ऐसा कदम उठाया था। उसने कुछ खंडों में प्रति कारोबार के आधार पर शुल्क लेना शुरू किया था। इसके बाद बीएसई की हिस्सेदारी करेंसी डेरिवेटिव्स खंड में बढ़ रही है।
इसके अलावा NSE ने 3 करोड़ रुपए से अधिक कारोबार के लिये स्लैब-आधारित ढांचा पेश किया है। इसके तहत प्रीमियम मूल्य के प्रति लाख लेन-देन पर शुल्क कारोबार बढ़ने के साथ घटेगा।
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अब तक NSE ने शेयर ऑप्शंस में बिल योग्य एक करोड़ रुपए तक के कारोबार पर 5,000 रुपए का सौदा शुल्क लगाया और एक करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार को प्रोत्साहन दिया है।
साथ ही NSE ने करेंसी डेरिवेटिव्स के लिये सौदा शुल्क कम किया है और स्लैब आधारित प्रणाली शुरू की है। इस कदम से लघु एवं मझोले उद्यम समेत विभिन्न इकाइयों के लिये कारोबार और हेजिंग की लागत कम होगी।
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