नई दिल्ली। यदि आप अपना पुराना सोना या गोल्ड ज्वैलरी बेचने जा रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में पहले से ही रजिस्टर्ड ज्वैलर्स को पुराना सोना या गोल्ड ज्वैलरी बेचता है, तो उसे 3 प्रतिशत टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी ज्वैलर्स को अपनी गोल्ड ज्वैलरी बेचता है, जो जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसे तीन प्रतिशत टैक्स देना होगा।
इससे पहले आई थी ये खबर
बुधवार को केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा था कि ज्वैलर के पास अगर कोई व्यक्ति सोने की पुरानी ज्वैलरी बेचने जाता है तो उस पर 3 प्रतिशत टैक्स लगेगा। यदि कोई व्यक्ति करीब एक लाख रुपए की ज्वैलरी बेचता है तो उस पर 3000 रुपए GST लगेगा।
यह है टैक्स का गणित
अधिया ने बताया था कि यदि पुरानी ज्वैलरी बेचने से मिले पैसों से अगर नई ज्वैलरी खरीदी जाएगी, तो पुरानी बिक्री पर जो टैक्स चुकाया गया होगा, उसको नए खरीदे गए गहनों पर लगने वाले GST से समयोजित कर दिया जाएगा। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स पर चल रही मास्टर क्लास के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी थी।
राजस्व सचिव ने यह भी कहा कि कोई ग्राहक अगर सिर्फ ज्वैलरी की मरम्मत करवाता है तो यह जॉब वर्क होगा और इस पर 5 फीसदी GST लागू किया जाएगा।
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