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Hindi News पैसा बाजार रेपो रेट में बदलाव न होने से शेयर बाजार में छाई निराशा, सेंसेक्‍स 70 अंक गिरकर हुआ 40,779 अंक पर हुआ बंद

रेपो रेट में बदलाव न होने से शेयर बाजार में छाई निराशा, सेंसेक्‍स 70 अंक गिरकर हुआ 40,779 अंक पर हुआ बंद

मुख्य मुद्रास्फीति के मध्यम अवधि के लक्ष्य के पार जाने की चिंता से रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया।

Markets end lower in a see-saw trade as RBI surprises with status quo- India TV Paisa Image Source : MARKETS END LOWER IN A SE Markets end lower in a see-saw trade as RBI surprises with status quo

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने पूंजी बाजार की उम्मीदों को झटका देते हुए मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रिजर्व बैंक के इस कदम के बाद गुरुवार को शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद गिरावट रही। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 70.70 अंक या 0.17 प्रतिशत के नुकसान से 40,779.59 अंक पर बंद हुआ।

केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखने से कारोबार के दौरान सेंसेक्स ऊपर-नीचे होता रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी इस दौरान 24.80 अंक या 0.21 प्रतिशत के नुकसान से 12,018.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, हीरो मोटोकॉर्प और टाटा मोटर्स के शेयरों में नुकसान रहा।

वहीं, दूसरी ओर टीसीएस, आईटीसी, एलएंडटी, इंफोसिस और टेक महिंद्रा के शेयर लाभ में रहे। धातु समूह सूचकांक में सबसे ज्यादा गिरावट रही। मूलभूत साजो सामान और ऊर्जा सूचकांक में भी गिरावट रही। मुख्य मुद्रास्फीति के मध्यम अवधि के लक्ष्य के पार जाने की चिंता से रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया।

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 5.15 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 4.90 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया। इससे पहले लगातार पांच बार रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है। बैंकर और अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे थे कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती को समर्थन देने के लिए केंद्रीय बैंक छठी बार भी ब्याज दरें घटाएगा।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है, जो इसका छह साल का निचला स्तर है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रही थी। 

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