कोरोना ने एक दिन में डुबाए निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये, सेंसेक्स करीब 4000 अंक टूटकर बंद
कोरोना के मामले बढ़ने और कंपनियों के द्वारा काम बंद करने से अनिश्चितता हुई हावी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने से बाजार में सोमवार को तेज गिरावट देखने को मिली है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स करीब 4 हजार अंक की गिरावट के साथ 26 हजार के स्तर से नीचे बंद हुआ है। वहीं निफ्टी में 11 सौ अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई।
बाजार में गिरावट की मुख्य वजह दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले हैं। दरअसल मामलों के बढ़ने के साथ कंपनियां अपने कामकाज को बंद कर रही हैं। फिलहाल इस बात के संकेत नहीं है कि ये बंदी कब तक जारी रहेगी। बाजार इसी अनिश्चितता से डर रहा है। बाजार का मानना है कि ये बंदी लंबे समय तक जारी रहती है तो कंपनियों और अर्थव्यवस्था पर इसके नतीजे काफी भयानक होंगे।
आज के कारोबार में बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली है। आईटी और फार्मा सेक्टर को छोड़कर बाकी सारे सेक्टर इंडेक्स 10 फीसदी से ज्यादा टूट कर बंद हुए। सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग और ऑटो सेक्टर को हुआ है। रविवार को ही ऑटो सेक्टर की कई कंपनियों ने उत्पादन बंद रखने का ऐलान किया है। वहीं कंपनियों की आय पर असर की आशंका से बैंकों के कर्ज पर दबाव बनने की आशंका बन गई है।
आज के कारोबार में 1100 से ज्यादा स्टॉक साल के निचले स्तर तक पहुंचे हैं। इसमे एटलस साइकिल, अडानी पोर्ट्स, आमरा राजा बैटरीज, अंबुजा सीमेंट्स, अपोलो टायर्स, एक्सिस बैंक, बजाज ऑटो, बंधन बैंक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बीईएमएल, बीएचईएल, बीपीसीएल, केनरा बैंक, कोल इंडिया, डिश टीवी, आयशर मोटर्स, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, हिंडाल्को, आईसीआईसीआई बैंक, इंडिगो, एलएंडटी, एनटीपीसी शामिल हैं। वहीं 16 स्टॉक ऐसे रहे हैं जो गिरावट के बीच भी साल के नए उच्चतम स्तर पर पहुंचे हैं।
आज के कारोबार में शुरुआत के साथ ही बिकवाली हावी थी। कारोबार के शुरू होते ही मार्केट में तेज गिरावट दर्ज हुई और सेंसेक्स और निफ्टी 10 फीसदी तक टूट गए। गिरावट की वजह से बाजार में कामकाज 45 मिनट तक रोकना पड़ा। इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट कैप करीब 10 लाख करोड़ रुपये घट गई। कारोबार शुरू होने के साथ ही गिरावट और बढ़ी और सत्र के अंत में बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट केप 14.2 लाख करोड़ रुपये घटकर 101 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया