मनोरामा इंडस्ट्रीज का तीन सालों में 2500 करोड़ के कारोबार का लक्ष्य, आईपीओ से जुटाएगी 61-64 करोड़ रुपये
मनोरामा इंडस्ट्रीज लि. अगले तीन सालों में अपने कारोबार को बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये करना चाहती है, जो फिलहाल 222 करोड़ रुपये है
मुंबई- आशीष सराफ द्वारा प्रवर्तित मनोरामा इंडस्ट्रीज लि. अगले तीन सालों में अपने कारोबार को बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये करना चाहती है, जो फिलहाल 222 करोड़ रुपये है। दरअसल कंपनी बीएसई एसएमई आईपीओ के जरिए 61-64 करोड़ रुपये जुटाने के लिए उतरी है और आईपीओ के अंतिम दिन उसे अच्छा रिस्पांस मिला है।
कंपनी के प्रवर्तक आशीष सराफ दरअसल देश के आदिवासियों के जीवन को बदलने और उन्हें अच्छे रिटर्न देने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कंपनी साल और आम की बेकार गुठलियों के जरिए जहां आदिवासियों के जीवन को बदल रही है वहीं निवेशकों को एक अच्छा रिटर्न देने के लिए भी प्रतिज्ञाबद्ध है। सराफ, अपने अभिनव विचार और पेशेवर दिमाग की एक टीम के साथ साल और आम के बीज दोनों से बराबर कोको मक्खन निकालने के लिए एक सिस्टम को विकसित कर चुके हैं, जो अनिवार्य रूप से जंगल या उपयोग के बाद बचे हुए कचरों का उपयोग करते हैं।
कोको मक्खन सादा चॉकलेट बनाने के लिए प्राथमिक तत्वों में से एक है। मनोरामा इंडस्ट्रीज मुख्य रूप से इस क्षेत्र के आदिवासियों से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और झारखंड के चारों ओर फैले 18,000 संग्रह केंद्रों से साल और आम के बीज यानी गुठलियों को खरीदता है। गुठलियों के प्रोसेसिंग के बाद जो उत्पाद बनता है उसे चॉकलेट और कास्मेटिक उत्पादों की बड़ी निर्माता कंपनियों को आपूर्ति किया जाता है। सराफ के चॉकलेट ग्राहकों में फेरेरो रोशर और मोंडलीज जैसी कंपनियां हैं साथ ही पर्सनल हाइजीन कंपनियां जैसे बॉडीशॉप भी हैं।
सराफ ने अपनी कंपनी मनोराम इंडस्ट्रीज के लिए एक विशिष्ट बाजार बनाया है जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काफी ज्यादा मांग वाला बाजार है और जल्द ही वे इसमें प्रवेश करेंगे। वे क्वालिटी पर फोकस करते हैं। वे हमेशा सीखते हैं और नया करते हैं। इस आईपीओ ने संस्थागत निवेशकों के बीच एक अच्छा मांग पैदा किया है।
वह अगले पांच वर्षों में 10 लाख से अधिक जनजातीय महिलाओं को नौकरी प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और इस आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित समुदाय के साथ-साथ अपने संभावित शेयरधारकों के लिए एक अच्छा रिटर्न पैदा करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।