LIC लिस्टिंग प्रस्ताव: बनेगी देश की सबसे बडी कंपनी, अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ संभव
बाजार का अनुमान है कि एलआईसी का आईपीओ दशक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा
India TV Paisa Desk Feb 02, 2020, 11:17:33 IST
शनिवार को पेश हुए बजट में एक ऐलान ने बाजार के बड़े बड़े दिग्गजों को नए सिरे से गणित लगाने पर मजबूर कर दिया है। ये प्रस्ताव है एलआईसी में सरकार के हिस्सा बिक्री का। दरअसल एलआईसी का अपना आकार इतना बड़ा है कि बाजार मान चुका है कि एलआईसी का आईपीओ दशक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। साथ लिस्टिंग के बाद कंपनी देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2020-21 पेश करते हुए एलआईसी के विनिवेश की घोषणा की है।
जानकार मान रहे हैं कि यह पूरी प्रक्रिया भारतीय बाजारों के लिए सऊदी अरामको को सूचीबद्ध कराने जैसी साबित होगी। इतना ही सूचीबद्ध होने के बाद बाजार मूल्यांकन के हिसाब से एलआईसी देश की सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है। इसका बाजार मूल्यांकन आठ से 10 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेस मेंबर्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष विजय भूषण ने कहा कि बजट की सबसे महत्वपूर्ण घोषणा एलआईसी का आईपीओ है। यह भारतीय शेयर बाजारों के लिए सऊदी अरामको को सूचीबद्ध कराने जैसा होगा। यह दशक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। वहीं, आईसीआईसीआई डायरेक्ट में एनालिस्ट काजल गांधी ने कहा कि सरकार की कंपनी होने के कारण एक निजी कंपनी की दृष्टि से इसका मूल्यांकन कम जरूर हो सकता है पर बाजार में लिस्ट होने पर यह बाजार मूल्यांकन के हिसाब से एलआईसी देश की सबसे बड़ी कंपनी हो सकती है। एसेट अंडर मैनेजमेंट के आधार पर इस समय भी एलआईसी देश की सबसे बड़ी कंपनी है। उन्होंने कहा कि परिसंपत्तियों के 25 से 30 प्रतिशत मूल्य पर भी एलआईसी का मूल्यांकन आठ से 10 लाख करोड़ रुपये रह सकता है।
सरकार ने फिलहाल ये नही बताया है कि वो कितने हिस्सेदारी की बिक्री करने जा रही है। हालांकि एक्सपर्ट मानते हैं कि कंपनी का साइज देखते हुए सरकार कई चरणों में हिस्सा बिक्री कर सकती है। गांधी ने कहा कि एलआईसी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर के आईपीओ को भी बाजार के लिए संभालना मुश्किल होगा। इस वजह से सरकार इसका विनिवेश कई चरणों में कर सकती है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेस के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार कारवा के अनुसार कंपनी के कामकाज और पारदर्शिता के लिए एलआईसी का आईपीओ बेहतर होगा। साथ ही आने वाले सालों में यह सरकार के लिए धन जुटाने का अच्छा विकल्प बन जाएगा।