नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय जल्द कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कोष का 15 प्रतिशत तक शेयरों में निवेश करने के लिए केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक बुलाएगा। फिलहाल यह सीमा 10 प्रतिशत की है। सीबीटी श्रम मंत्री की अगुवाई वाले ईपीएफओ के निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है।
केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, अभी तक हमने 10 प्रतिशत का निवेश किया है। एक्सचेंज ट्रेडेड कोष (ईटीएफ) में हमने 17,000 करोड़ रुपए डाले हैं। अब हम इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने जा रहे हैं। मैं सीबीटी से इस बारे में 10-12 दिन में बात करूंगा।
सीबीटी में केंद्र सरकार की ओर से श्रम मंत्रालय, ईपीएफओ, राज्य सरकारों के सदस्य के अलावा नियोक्ताओं और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
दत्तात्रेय ने कहा कि पूंजी बाजार में निवेश से ऊंचा रिटर्न मिल रहा। वित्त वर्ष 2014-15 में श्रम और वित्त मंत्रालयों में 5 से 15 प्रतिशत कोष चरणबद्ध तरीके से शेयर बाजारों में लगाने का फैसला किया था।
ईपीएफओ अंशधारकों को आठ प्रतिशत से अधिक रिटर्न देने को लेकर वित्त मंत्रालय के साथ मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर दत्तात्रेय ने कहा कि ईटीएफ निवेश से शानदार रिटर्न मिल रहा है। यही वजह है कि हम अंशधारकों को अधिक रिटर्न दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा, वित्त मंत्रालय ने हमें ईटीएफ में निवेश बढ़ाने की सलाह दी है। हम सब कुछ वित्त मंत्रालय की सलाह से कर रहे हैं और इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।
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