BSE पर अगर लिस्ट हो पूरा पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज तो नहीं मिलेगी टॉप 5 में भी जगह, हैरान कर देंगे ये आंकड़े
बीएसई का कुल मार्केट कैप 209.53 लाख करोड़ रुपये था। वहीं फिलहाल कराची स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई सभी 397 कंपनियों का कुल मार्केट कैप 7.83 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपया है। जो कि भारत के 3.62 लाख करोड़ रुपये के बराबर है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में एक बयान दिया कि पहले जब वो भारत से पाकिस्तान आते थे तो उन्हे लगता था कि वो एक गरीब मुल्क से अमीर मुल्क में आ रहे हैं। पाकिस्तान के नेता हर हाल में खुद को भारत से बेहतर दिखाने की कोशिश में ऐसे बयान देते रहते हैं। हालांकि आंकड़े हमेशा उनकी पोल खोल देते हैं। आर्थिक हैसियत को दिखाने के कई पैमानों में एक है अर्थव्यवस्था का स्टॉक मार्केट। जानिए क्या कहते हैं दोनो स्टॉक मार्केट के आंकड़े
क्या है दोनो बाजारों का बाजार मूल्य
- भारत में 11 मार्च यानि गुरुवार को बाजार बंद हैं। 10 मार्च के आधार पर बीएसई का कुल मार्केट कैप 209.53 लाख करोड़ रुपये था।
- वहीं फिलहाल कराची स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई सभी 397 कंपनियों का कुल मार्केट कैप 7.83 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपया है। जो कि भारत के 3.62 लाख करोड़ रुपये के बराबर है।
- यानि भारत का बीएसई करीब 58 पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज के बराबर है।
क्या हो अगर BSE पर लिस्ट हो जाए पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज
अगर इसी बाजार मूल्य के साथ पूरा पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज बीएसई पर लिस्ट हो जाता है, तो भी भारत में उसे टॉप 5 में भी जगह नहीं मिलेगी। उसे भारत की टॉप कंपनियों की लिस्ट में 9वीं पोजीशन मिलेगी।
- यानी सीधे शब्दों में भारत की 8 कंपनियां या बैंक बाजार मूल्य में अकेले ही पूरे पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज से भी बड़े हैं। पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज के बाजार मूल्य 3.62 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले कोटक महिंद्रा बैंक का बाजार मूल्य 3.89 लाख करोड़ रुपये है।
- वहीं आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी का बाजार मूल्य 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
- एचयूएल और इंफोसिस का बाजार मूल्य 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है
- वहीं एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्य 8.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
- टीसीएस का बाजार मूल्य 11 लाख करोड़ रुपये और रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्य 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
बढ़त या गिरावट में KSE से ज्यादा होता है नफा या नुकसान
- भारतीय बाजार के साइज का असर ये भी है कि साल में ऐसा कई बार होता है कि सिर्फ एक हफ्ते के कारोबार में ही भारतीय निवेशक पूरे पाकिस्तानी शेयर बाजार के बराबर या तो कमाई करते हैं या नुकसान उठा लेते हैं।
- बीती 26 फरवरी को सेंसेक्स में 1900 अंक की गिरावट देखने को मिली थी। इस गिरावट के बाद बीएसई का मार्केट कैप 5.3 लाख करोड़ रुपये घट गया था। जो कि पूरे कराची स्टॉक एक्सचेंज की मौजूदा मार्केट कैप से भी 46 प्रतिशत ज्यादा है।
क्या है विदेशी निवेशकों की तरफ से संकेत
- पाकिस्तान के लिए विदेशी निवेशकों को खींचना सबसे मुश्किल काम है। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था पर विदेशी निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
- हाल ये है कि साल 2020 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। सिर्फ फरवरी में उन्होने 22 हजार करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।
- वहीं पाकिस्तानी वित्त वर्ष के पहले 7 महीने यानि जुलाई से फरवरी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेश कुल 14291 करोड़ पाकिस्तान रुपये (6600 करोड़ भारतीय रुपये) था।