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खरीफ बुआई औसत से आगे निकली, कपास और दलहन की खेती में तेजी से सुधार

जून के दौरान कम बरसात की मार से पिछड़ी खरीफ फसलों की खेती को लेकर अच्छी खबर है, जुलाई के दौरान हुई अच्छी बरसात से खरीफ फसलों की खेती ने रफ्तार पकड़ी है और अब खरीफ फसलों का रकबा औसत के मुकाबले आगे निकल गया है

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नई दिल्ली। जून के दौरान कम बरसात की मार से पिछड़ी खरीफ फसलों की खेती को लेकर अच्छी खबर है, जुलाई के दौरान हुई अच्छी बरसात से खरीफ फसलों की खेती ने रफ्तार पकड़ी है और अब खरीफ फसलों का रकबा औसत के मुकाबले आगे निकल गया है, हालांकि खेती औसत के मुकाबले आगे होने के बावजूद पिछले साल के मुकाबले अब भी पिछड़ी हुई है। कपास और दलहन की खेती में तेजी से सुधार हुआ है।

खरीफ बुआई औसत से आगे लेकिन पिछले साल से कम

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए साप्ताहिक बुआई आंकड़ों के मुताबिक 3 अगस्त तक देशभर में कुल 854.56 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हुई है जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान 842.60 लाख हेक्टेयर में खरीफ बुआई होती है। हालांकि पिछले साल 3 अगस्त तक 870.47 लाख हेक्टेयर में खेती हो चुकी थी।

दलहन और कपास की खेती औसत से ज्यादा, तिलहन का रकबा पिछले साल से अधिक

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खरीफ दलहन और कपास की खेती में तेजी से सुधार हुआ है और तिलहन का रकबा तो पिछले साल के मुकाबले काफी आगे निकल गया है। 3 अगस्त तक देशभर में कुल 115.57 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती हुई है, करीब 109.79 लाख हेक्टेयर में कपास और 157.54 लाख हेक्टेयर में खरीफ तिलहन की खेती दर्ज की गई है। सामान्य तौर पर 3 अगस्त तक 97.66 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन और 107.77 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती होती है। वहीं तिलहन की बात करें तो पिछले साल 3 अगस्त तक 148.93 लाख हेक्टेयर में खेती हुई थी।

धान और मोटे अनाज का रकबा पिछड़ा

दलहन, कपास और तिलहन को छोड़ धान और मोटे अनाज की खेती अब भी पिछड़ी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक 3 अगस्त तक धान का रकबा 262.73 लाख हेक्टेयर और मोटे अनाज का रकबा 151.37 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है। सामान्य तौर पर इस दौरान 269.34 लाख हेक्टेयर में धान और 155.77 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की खेती हो जाती है।

मौसम अनुकूल रहने पर पैदावार में हो सकता है इजाफा

भारतीय मौसम विभाग ने अगस्त और सितंबर के दौरान औसत बरसात का अनुमान जारी किया है, ऐसे में आगे चलकर खरीफ फसलों की खेती में और सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है। मौसम फसल के अनुकूल रहा तो इस साल खरीफ पैदावार में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

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