नई दिल्ली। देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चालू चीनी वर्ष 2018-19 के लिए चीनी के उत्पादन अनुमान में लगभग 40 लाख टन की कटौती की है। ISMA की तरफ से कहा गया है कि 2018-19 सीजन के दौरान देश में 315 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है, इससे पहले जुलाई में एसोसिएशन ने जब पूर्व अनुमान जारी किया था तो 350-355 लाख टन चीनी पैदा होने की आशंका जाहिर की थी। पिछले सीजन 2017-18 के दौरान देश में 322.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
ISMA ने कहा है कि चीनी के सबसे बड़ी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल 121 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान है, जुलाई के दौरान उत्तर प्रदेश में 130-135 लाख टन उत्पादन का अनुमान जारी किया गया था। पिछले सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में 120.45 लाख टन चीनी पैदा हुई थी।
महाराष्ट्र की बात करें तो वहां इस साल ISMA ने 110-115 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान लगाया है जबकि पिछले साल वहां पर 107.23 लाख टन चीनी पैदा हुई है। हालांकि कर्नाटक में उत्पादन अनुमान को जुलाई के 44.8 लाख टन से घटाकर अब 42 लाख टन किया गया है। कुल मिलाकर अगर पिछले साल जैसे हालात रहे तो देश का कुल उत्पादन 320 लाख टन रह सकता है।
हालांकि ISMA का कहना है कि इस साल अगर चीनी मिलें इथनॉल उत्पादन के लिए गन्ने की खपत को बढ़ाती हैं तो उत्पादन अनुमान में कमी आ सकती है। ISMA के मुताबिक इथनॉल खरीद के लिए अबतक जो भी टेंडर जारी हुए हैं, उनके आधार पर अगर गन्ने की खपत होती है तो चीनी उत्पादन में अतीरिक्त 4-5 लाख टन की कमी आ सकती है, यानि इस साल कुल चीनी उत्पादन 315 लाख टन के करीब रहने का अनुमान है।
ISMA के मुताबिक पिछले साल का लगभग 107 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा हुआ है और इस साल की खपत 255-260 लाख टन के बीच अनुमानित है, इसके अलावा अगर उद्योग 2018-19 के दौरान 40-50 लाख टन चीनी निर्यात करने में कामयाब होता है तो अगले सीजन 2019-20 के लिए 112-127 लाख टन स्टॉक बच जाएगा।
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