नई दिल्ली। ब्रिटेन में Covid-19 वायरस की नई किस्म (स्ट्रेन) की खबरों के बाद सोमवार को वैश्विक बाजारों में बिकवाली के सिलसिले ने जोर पकड़ा और इसके प्रभाव से भारतीय शेयर बाजारों में भी जबर्दस्त गिरावट आई। इससे निवेशकों की करीब 6.59 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डूब गई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,406.73 अंक या तीन प्रतिशत के नुकसान से 45,553.96 अंक पर आ गया। हालांकि, कारोबार के दौरान सेंसेक्स अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 47,055.69 अंक तक गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 432 अंक या 3.14 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 13,328.40 अंक पर बंद हुआ।
पिछले 7 माह के दौरान बीएसई और एनएसई पर यह एक दिन में आने वाली सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले मार्च में कोरोना वायरस महामारी का पता चलने के बाद वैश्चिक बाजारों में गिरावट देखने को मिली थी। शेयर बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली से बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 6,59,313.65 करोड़ रुपये घटकर 1,78,79,323.05 करोड़ रुपये रह गया।
सेंसेक्स के सभी शेयर नुकसान में रहे। रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख-रणनीति विनोद मोदी ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली दबाव देखने को मिला। एक दिन में निवेशकों की करीब 7,000 अरब रुपये की पूंजी डूब गई। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में कोविड-19 को लेकर नई चिंता तथा कोविड-19 के टीकों को लेकर संदेह उठने के बीच वैश्विक स्तर पर निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली सहित कई यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन से उड़ानों पर रोक लगा दी है। ब्रिटिश सरकार ने चेताया है कि वायरस का नया प्रकार बेकाबू है। ब्रिटेन ने रविवार से लंदन और अन्य क्षेत्रों में सख्त लॉकडाउन लगा दिया है। भारत ने भी 23 से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से भी उड़ानों को स्थगित कर दिया है। अन्य एशियाई बाजारों में हांगकांग के हैंगसेंग और जापान के निक्की में गिरावट आई। वहीं चीन के शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में मामूली बढ़त दर्ज हुई। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 5.
30 प्रतिशत टूटकर 49.49 प्रति डॉलर पर आ गया।
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