नई दिल्ली। घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) के जरिये निवेश सितंबर महीने में घटकर 76,611 करोड़ रुपए रहा। यह लगातार चौथा महीना है जब पी-नोट के जरिये निवेश में गिरावट दर्ज की गई है। पी-नोट के जरिये निवेश अगस्त महीने में 79,088 करोड़ रुपए था।
पार्टिसिपेटरी-नोट पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीओ) उन विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में बिना पंजीकरण के निवेश करना चाहते हैं। पूंजी बाजार नियामक सेबी के अनुसार पी-नोट के जरिये निवेश में जून से ही गिरावट जारी है। आंकड़ों के अनुसार भारतीय पूंजी बाजार में ( शेयर, बांड और डेरिवेटिव्स) पी-नोट निवेश सितंबर महीने में घटकर 76,611 करोड़ रुपए रहा, जो अगस्त में 79,088 करोड़ रुपए था। सितंबर के अंत तक किए गए कुल निवेश में से 50,676 करोड़ रुपए शेयर में, 25 करोड़ रुपए बांड तथा 241 करोड़ रुपए डेरिवेटिव्स खंड में निवेश किए गए।
इससे पहले जून में पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजार में कुल 81,913 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। इसके बाद जुलाई में पी-नोट के जरिये निवेश थोड़ा घटकर 81,082 करोड़ रुपए रहा। मई में पी-नोट निवेश 82,619 करोड़ रुपए था।
जुलाई में सेबी ने पी-नोट्स को जारी करने के दिशा-निर्देशों को तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। विदेशी निवेशकों के बीच पी-नोट काफी लोकप्रिय हैं। पी-नोट के जरिये निवेश में 2017 से ही गिरावट आ रही है। जुलाई 2017 में सेबी ने पी-नोट के लिए कठोर नियमों को अधिसूचित किया था।
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