एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया बुधवार को 6 पैसा कमजोर होकर 64.43 पर खुला
बुधवार के कारोबारी सत्र में भारतीय रुपए की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई है। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 6 पैसा कमजोर होकर 64.43 पर खुला है।
नई दिल्ली। भारतीय रुपए में पिछले चार दिन से जारी तेजी बुधवार को थम गई। बुधवार के कारोबारी सत्र में भारतीय रुपए की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई है। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 6 पैसा कमजोर होकर 64.43 पर खुला है। वहीं, मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे कमजोर होकर 64.42 के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले सोमवार को रुपया 8 पैसे की मजबूती के साथ 64.36 के स्तर पर बंद हुआ था। यह भी पढ़े: अनिल अंबानी की इस कंपनी में 1 लाख रुपए लगाकर निवेशक बने करोड़पति, आपके पास भी मौका
RBI के फैसले से पहले ट्रेडर्स हुए सतर्क
भारतीय रिजर्व बैंक की द्वैमासिक नीतिगत समीक्षा बैठक के नतीजे से पहले बाजार में सतर्कता के रुख के बीच रुपए में चार दिनों से जारी तेजी मंगलवार को थम गई। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 6 पैसे की गिरकर 64.42 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मौद्रिक नीति समिति की बैठक मुंबई में मंगलवार को शुरू हो गई। बुधवार दोपहर को बैठक का फैसला जारी होगा। यह भी पढ़े: #monsoon2017: मानसून के इस सीजन में आपके पास है इन शेयरों में पैसा बनाने का मौका, ऐसे उठाएं फायदा
RBI के फैसले का इंतजार
विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक बुधवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा। विशेषग्यों ने कहा कि केंद्रीय बैंक अभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्यन के मुद्रास्फीति पर पड़ने वाले असर का आकलन करना चाहेगा, ऐसे में वह नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा। यूनियन बैंक आफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक विनोद कथूरिया ने कहा, मुझे नहीं लगता कि रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कटौती नहीं होगी। वे इस बारे में कोई फैसला करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का इंतजार करेंगे।यह भी पढ़े: एक महीने में 70 फीसदी तक गिरे इन शेयरों के भाव, अब क्या करें निवेशक
अगर अमेरिका में बढ़ी ब्याज दरें तो अगली छमाही में गिर सकता है रुपया
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के जारी सर्वे के मुताबिक अगर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ती है तो अगली छमाही में भारतीय रुपए पर दबाव देखने को मिल सकता है। वहीं, ब्रोकरेज फर्म सिटी के मुताबिक जून में अगर ब्याज दरें बढ़ती है तो अमेरिकी डॉलर को इससे सहारा मिलेगा। लिहाजा इमर्जिंग मार्केट की करेंसी पर दबाव देखने को मिल सकता है। यह भी पढ़े:इन कंपनियों के मालिकों ने 1.8 लाख करोड़ रुपए के शेयर रखें गिरवी, निवेशक रहें सावधान