नई दिल्ली। देश में इस साल इतनी ज्यादा चीनी पैदा हो चुकी है जितना उत्पादन इतिहास में कभी नहीं हुआ था। चीनी मिलों के संगठन इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक चालू चीनी वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 15 अप्रैल तक देश में 299.80 लाख टन चीनी पैदा हो चुकी है और देश में अभी भी करीब 227 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई का काम चला हुआ है। जानकार मान रहे हैं कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सीजन का कुल उत्पादन310-315 लाख टन के बीच रह सकता है।
ISMA के मुताबिक इस साल ज्यादा चीनी उत्पादन की वजह से चीनी की कीमतों में भारी गिरावट आई है, चीनी का एक्स सुगर मिल भाव उसके उत्पादन लागत से करीब 8 रुपए प्रति किलो तक घट गया है। कम भाव की वजह से चीनी इंडस्ट्री पर किसानों का बकाया बढ़ता जा रहा है। 15 मार्च तक इंडस्ट्री पर किसानों का करीब 18000 करोड़ रुपए कर्ज था और ऐसी संभावना है कि यह कर्ज अब 20000 करोड़ तक पहुंच गया है जो सीजन के मौजूदा समय तक अबतक का सबसे अधिक कर्ज है। इंडस्ट्री ने मोदी सरकार से गुहार लगाई है कि जिस तरह से 2015-16 सीजन के दौरान सरकार ने किसानों को 4.50 रुपए प्रति क्विंटल की पेमेंट की थी उसी तरह का कदम इस बार भी उठाए।
ISMA के मुताबिक अबतक हुए कुल 299.80 लाख टन चीनी उत्पादन में से सबसे अधिक महाराष्ट्र में 104.98 लाख टन हुआ है और वहां पर अभी करीब 50 मिलों में गन्ने की पेराई का काम चला हुआ है। उत्तर प्रदेश में भी 104.8 लाख टन चीनी पैदा हो चुकी है और वहां पर अभी करीब 105 मिलों में उत्पादन हो रहा है।
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