नई दिल्ली। बांग्लादेश और श्रीलंका से भारत के गैर बासमती चावल की मांग बढ़ने से इस साल चावल के निर्यात में जोरदार उछाल दर्ज किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खत्म हुए वित्तवर्ष 2017-18 के पहले 11 महीने यानि अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के दौरान देश से कुल चावल निर्यात में करीब 19 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है और गैर बासमती चावल का निर्यात करीब 30 प्रतिशत तक बढ़ा है।
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के दौरान देश से कुल 113.85 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है जो किसी भी वित्तवर्ष में हुआ अबतक का सबसे अधिक निर्यात है, वित्तवर्ष 2016-17 में इस दौरान 95.89 लाख टन चावल का निर्यात हो पाया था। 2017-18 के लिए अभी मार्च में हुए निर्यात के आंकड़े जारी नहीं हुए हैं और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मार्च के आंकड़ों के आने के बाद कुल चावल निर्यात 120 लाख टन के पार पहुंचेगा जो नया रिकॉर्ड होगा। दुनियाभर में भारत लगातार 3 साल से सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश बना हुआ है।
कुल चावल निर्यात में गैर बासमती की हिस्सेदारी ज्यादा होती है और इस साल गैर बासमती चावल के निर्यात में जोरदार इजाफा दर्ज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के दौरान देश से कुल 77.66 लाख टन गैर बासमती चावल का एक्सपोर्ट हुआ है जबकि वित्तवर्ष 2016-17 में इस दौरान 59.96 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ था।
इस साल बासमती चावल का एक्सपोर्ट भी बढ़ा है, लेकिन उसमें ऐसी बढ़ोतरी नहीं हुई है जितनी गैर बासमती के निर्यात में दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से फरवरी 2017-18 के दौरान देश से कुल 36.19 लाख टन बासमती चावल निर्यात हुआ है जबकि 2016-17 में इस दौरान 35.92 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ था।
भारत से गैर बासमती चावल की खरीद करने वाले देशों में सबसे आगे बांग्लादेश, बेनिन, सेनेगल, श्रीलंका और नेपाल रहे हैं जबकि बासमती चावल खरीदने वालों में सबसे आगे ईरान, सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमिरात और ब्रिटेन हैं।
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