नई दिल्ली। मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 में रिकॉर्ड चावल निर्यात के बाद अब नए वित्त वर्ष 2018-19 की शुरुआत भी बढ़े हुए चावल निर्यात से हुई है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के पहले महीने अप्रैल के दौरान देश से चावल निर्यात में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के दौरान देश से लगभग 9.9 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है जबकि 2017 के अप्रैल में लगभग 8.9 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था। इस साल निर्यात हुए चावल में 3.7 लाख टन बासमती चावल है और 6.2 लाख टन गैर बासमती। पिछले साल अप्रैल में 3.9 लाख टन बासमती और 4.93 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
आंकड़ों के मुताबिक कुल निर्यात बासमती चावल में से सबसे अधिक चावल ईरान ने खरीदा है, कुल निर्यात में से ईरान की खरीद लगभग 29 प्रतिशत है, इसके अलावा सऊदी अरब की खरीद लगभग 18 प्रतिशत, संयुक्त अरब अमिरात की 15.5 प्रतिशत और इराक की हिस्सेदारी लगभग 6.5 प्रतिशत है।
कुल निर्यात गैर बासमती चावल में से सबसे ज्यादा चावल बांग्लादेश ने खरीदा है, आंकड़ों के मुताबिक बांग्लादेश की हिस्सेदारी 18.2 प्रतिशत, इसके बाद अफ्रीकी देश सेनेगल की हिस्सेदारी 15.3 प्रतिशत और नेपाल की हिस्सेदारी 6.2 प्रतिशत है।
मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान देश से चावल निर्यात का नया रिकॉर्ड बना है, आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 के दौरान देश से 126.85 लाख टन चावल निर्यात हुआ है जो अबतक का सबसे अधिक सालाना निर्यात है और वित्त वर्ष 2016-17 के मुकाबले करीब 18 प्रतिशत अधिक है, 2016-17 में देश से 107.56 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था।
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