नई दिल्ली। आईडीबीआई बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में 324 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में बैंक को 3,459 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। बैंक ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। वहीं तिमाही आधार पर बैंक के शुद्ध लाभ में जुलाई-सितंबर में 125 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 144 करोड़ रुपये था। बैंक के द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक अवधि के दौरान बैंक की कुल आय 7.5 प्रतिशत घटकर 5,761 करोड़ रुपये रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बैंक की आय 6,231 करोड़ रुपये थी।
बैंक की नेट इंट्रेस्ट इनकम दूसरी तिमाही के दौरान चार प्रतिशत बढ़कर 1,695 करोड़ रुपये रही। पिछले साल की इसी तिमाही के दौरान बैंक की नेट इंट्रेस्ट इनकम 1631 करोड़ रुपये थी। नेट इंट्रेस्ट इनकम कर्ज पर कमाए गए ब्याज और जमा पर चुकाए गए ब्याज का अंतर है। भारतीय जीवन बीमा निगम की बहुलांश हिस्सेदारी वाले आईडीबीआई बैंक के फंसे कर्ज का अनुपात भी सुधरा है। समीक्षावधि में बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) उसके सकल ऋण का 25.08 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 29.43 प्रतिशत थी। इसी तरह का बैंक का शुद्ध एनपीए उसके ऋण का 2.67 प्रतिशत रहा जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.97 प्रतिशत था। राशि के रूप में बैंक का सकल एनपीए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 41,090.53 करोड़ रुपये और शुद्ध एनपीए 3,362.66 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह क्रमश: 52,052.78 करोड़ रुपये और 7,918.61 करोड़ रुपये था। बैंक का फंसे कर्ज के लिये प्रावधान 581.15 करोड़ रुपये रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5,641.32 करोड़ रुपये था। बैंक के सितंबर तिमाही के अंत तक प्रोविजन कवरेज रेश्यो 95.96 फीसदी रहे हैं।
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