नई दिल्ली। सरकार ने विदेशी व्यापार के नाम पर देश में सोने की हेराफेरी को रोकने के लिए 22 कैरट से अधिक शुद्धता वाले स्वर्ण आभूषणों, पदकों एवं अन्य सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है कि किसी इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, बायो टेक्नोलॉजी पार्क या प्रशुल्क की दृष्टि से घरेलू क्षेत्र की इकाई या निर्यातोन्मुख इकाई को केवल आठ से अधिकतम 22 कैरेट की शुद्धता वाले स्वर्ण उत्पाद के निर्यात की ही अनुमति देने के लिए विदेश व्यापार नीति 2015-20 के कुछ प्रावधानों को संशोधित किया गया है।
इस कदम से दुबई को होने वाली राउंड ट्रिपिंग पर लगाम कसेगी। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड के एक अधिकारी ने कहा कि एक ट्रेडर राउंड ट्रिपिंग के जरिये बहुत कम आयात शुल्क पर स्वर्ण उत्पादों का आयात कर सकता है और उसी स्टॉक को बिना किसी वैल्यू एडिशन के दोबारा निर्यात कर सकता है। इस कदम से आभूषण, आंशिक तौर पर तैयार आभूषण, सिक्के और पदकों के निर्यात पर असर पड़ेगा।
इसका मतलब है कि 22 कैरट से अधिक शुद्धता वाले आभूषणों, पदकों तथा अन्य सामग्रियों का निर्यात मान्य नहीं होगा। डीजीएफटी ने यह भी बताया कि सिर्फ उन्हीं निर्यातकों को प्रोत्साहन भी मिलेगा, जो आठ कैरट से 22 कैरट तक की शुद्धता वाले स्वर्ण आभूषण एवं अन्य सामग्रियों का निर्यात करेंगे।
निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईईओ) के एक अधिकारी ने कहा कि 22 कैरट से अधिक शुद्धता वाले आभूषण तथा अन्य सामग्रियों का निर्यात प्रतबंधित करने से कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उनकी मांग काफी कम है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब आभूषण कारोबारियों ने दक्षिण कोरिया से बढ़ते सोने के आयात पर चिंता जाहिर की है। इस साल एक जुलाई से तीन अगस्त के बीच दक्षिण कोरिया से 33.86 करोड़ डॉलर के सोने का आयात किया गया है, जबकि वहां से पिछले वित्त वर्ष में कुल 47.05 करोड़ डॉलर का स्वर्ण आयात हुआ था।
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