नई दिल्ली। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत बैंकों में पड़े करीब 2,000 करोड़ रुपए के सोने की जल्द नीलमी हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने इस नीलामी को मंजूरी दे दी है। देश पर से सोने के आयात का बोझ कम करन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2008 में गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की शुरुआत की थी जिसका मकसद घरों में पड़े सोने के जरिए सोने का आयात कम करना था।
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सरकार ने घरों में रखे सोने को बैकों में जमा कराने पर टैक्स फ्री ब्याज दिया जाता है। इस स्कीम के तहत सरकार के पास करीब 2,000 करोड़ रुपए की कीमत का 7-8 टन सोना जमा हो चुका है जिसे सरकार अब ज्वैलर्स को नीलाम करेगी।
स्कीम के तहत सरकार ने 3 साल तक के निवेश पर सरकार की तरफ से 0.6 फीसदी सालाना टैक्स फ्री ब्याज, 5.7 साल तक के निवेश पर 2.25 फीसदी ब्याज और 12.15 साल तक के निवेश के लिए 2.5 फीसदी सालाना ब्याज दिया जा रहा है।
सरकार ने इस स्कीम के जितना सफल होने की उम्मीद लगाई थी उतनी सफलता अबतक नहीं मिली है, सोने की शुद्धता की जांच के लिए सीमित मात्रा में कलेक्शन और प्यूरिटी टेस्टिंग सेंटर होने की वजह से लोग अपने घरों में रखे सोने को ज्यादा नहीं निकाल रहे हैं। साथ में सोने के प्रति भारतीयों का जो लगाव है वह भी कम नहीं हुआ है। ऐसे में अबतक सरकार को इस स्कीम से सिर्फ 7-8 टन ही सोना मिल पाया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के घरों में करीब 23,000-24,000 सोना पड़ा हुआ है।
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