नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान गोल्ड की कीमतों में करीब 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसकी वजह से गोल्ड के लिए यह 18 साल की दूसरी सबसे खराब तिमाही साबित हो सकती है। इस गिरावट की मुख्य वजह डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद शेयर बाजार में तेजी को माना जा रहा है। इसके अलावा अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना से सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड की मांग घटी है। ग्लोबल मार्केट में आई गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है। इसकी वजह से सोने की कीमत करीब 10 महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं।
सोने की कीमतों इसलिए भी गिरावट
- बॉन्ड यील्ड्स में जोरदार तेजी के कारण रिस्क बढ़ने से फिक्सड इनकम मार्केट गिरा है।
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब बॉन्ड मार्केट में तेजी आती है तो सोना आकर्षक नहीं रह जाता है।
- बुधवार को अमेरिकी सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।
- ऐसे में सोने की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है।
- इन कारणों से सोने में लगातार 5 हफ्तों में गिरावट दर्ज की गई।
- यही नहीं आखिरी तिमाही के दौरान सोने में 12 फीसदी की गिरावट 1997 के बाद पहली बार देखने को मिल रही है।
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सोने में 100 रुपए की गिरावट, 100 रुपए महंगी हुई चांदी
- सिंगापुर में सोना 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,160.90 डॉलर प्रति औंस रह गया।
- दिल्ली में आज सोने का भाव 100 रुपए घट कर 28,450 रुपए प्रति दस ग्राम पर आया।
- गिन्नी की कीमत 100 रुपए की तेजी के साथ 24,200 रुपए प्रति आठ ग्राम पर बंद हुई।
- चांदी 100 रुपए की तेजी के साथ 41,500 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
- चांदी सिक्कों की कीमत लिवाल 72,000 रुपए और बिकवाल 73,000 प्रति सैंकड़ा पर बंद हुई।
- नोटबंदी से घरेलू बाजार में सोने की मांग घटी है।
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