Gold price पर कोरोनावायरस का कहर, 1155 रुपए उछलकर भाव हुआ 44,383 रुपए प्रति दस ग्राम
सोने की तरह चांदी के भाव में तेजी आई। चांदी का भाव बुधवार को 1198 रुपए उछलकर 47,729 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया।
नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों की चिंता और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार कमजोरी आने की वजह से बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने का भाव आसमान पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के मुताबिक बुधवार को सोने का भाव 1155 रुपए उछलकर 44,383 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजारों में से एक मुंबई के झावेरी बाजार में सोने का भाव 44,780 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। मंगलवार को सोने का भाव 43,228 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था।
सोने की तरह चांदी के भाव में तेजी आई। चांदी का भाव बुधवार को 1198 रुपए उछलकर 47,729 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया। इससे पहले मंगलवार को चांदी का भाव 46,531 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा कि कोरोनावायरस के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आने की चिंताओं ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर रुख करने के लिए मजबूर किया है, जिसकी वजह से दुनियाभर में सोने की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर रुपए के लगातार कमजोर पड़ने से घरेलू बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव 1155 रुपए उछल गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी दोनों ही तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं। सोना 1638 डॉलर प्रति औंस और चांदी 17.17 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करते हुए देखी गई। यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा कोरोनावायरस के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती करने के बाद सोने की कीमतों में अचानक उछाल आया है।
झावेरी बाजार के सराफा व्यापारी कुमार जैन ने कहा कि सोने की कीमत ज्यादा होने की वजह से खुदरा ग्राहकी कमजोर है। निवेश के लिहाज से सोने की खरीद इस समय हो रही है। रोजाना पांच लाख लोग इस बाजार में आते-जाते हैं, कोरोनावायरस के डर की वजह से अभी बाजार खाली है।
कुमार जैन ने कहा कि कोरोना वायरस जैसी महामारी हो या युद्ध जैसे हालात, लोग गोल्ड में निवेश करते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर सोना बेच कर कैश लिया जा सके। इस वायरस का असर पुरी दुनिया पर पड़ा है, ऐसे में लोग जमकर सोने में निवेश कर रहे हैं। इकोनॉमी में स्लोडाउन की वजह से भी रुपया कमजोर हुआ है उसका भी बड़ा असर बुलियन मार्केट पर पड़ रहा है।