नोटबंदी के बाद से सोना हुआ 3170 रुपए सस्ता, अगले 1 महीने में भाव गिरकर 26 हजार रुपए होने की उम्मीद
8 नवंबर से अब तक सोना 3170 रुपए प्रति दस ग्राम सस्ता हो गया है। हालांकि माना जा रहा है कि सोना गिरकर 26 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक आ सकता है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से सोने में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। 8 नवंबर से अब तक सोना 3170 रुपए प्रति दस ग्राम सस्ता हो गया है। वहीं, इस दौरान चांदी की कीमतों में 2500 रुपए प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। हालांकि एक्सपर्ट्स और ट्रेडर्स सोने की कीमतों में आगे भी गिरावट की आशंका लगा रहे हैं। उनका मानना है कि नोटबंदी के बाद से देश में पैदा हुआ कैश क्राइसिस अगर अगले एक महीने में नही सुधरता है तो सोने के दाम गिरकर 26 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक आ सकते हैं।
सोना हुआ 3170 रुपए सस्ता
- नोटबंदी के बाद से सोने के दाम में 3170 रुपए प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट आ चुकी है, जबकि चांदी की कीमत में 2250 रुपए की कमी आई है।
- 8 नवंबर को सोने के दाम 31,750 रुपए प्रति 10 ग्राम पर थे, जो अब (9 दिसंबर) 28,580 रुपए पर प्रति दस ग्राम पर हैं।
7 दिन में सोना 420 रुपए और 1 महीने में करीब 3170 रुपए सस्ता हुआ
26 हजार रुपए तक आ सकते हैं सोने के भाव
केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया के मुताबिक पिछले 30 दिनों से मार्केट में कैश लिक्विडिटी बिल्कुल नहीं है। डिमांड इतनी कम है कि कारोबार 90 फीसदी तक कम हो चुका है। लिहाजा आगे एक महीने इसी तरह से कैश क्राइसिस बनी रहती है तो सोने की कीमतें 26,000 रुपए के नीचे आनी तय हैं। साथ ही, अमेरिकी सेंट्रल बैंक के इस महीने ब्याज दरें बढ़ाने की प्रबल संभावनाएं है।
जारी रहेगा सुस्ती का दौर
- दरीबा बुलियन ज्वैलरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट तरुण खन्ना का मानना है कि सोने में अगले 3 महीने तक सुस्ती जारी रहेगी और इस साल के पीक से सोना 15 फीसदी तक गिर सकता है।
- इसकी बड़ी वजह यह है कि मार्केट में कैश का सुर्कलेशन है ही नहीं। लोगों के पास जब पैसे ही नहीं होंगे तो डिमांड कहां से आएगी। डिमांड कम होने से सोने की कीमतें और कम होंगी।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतजार
- अमेरिकी सेंट्रल बैंक की 14 दिसंबर को ब्याज दरों पर बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक में 0.25 फीसदी तक ब्याज दरें बढ़ाने पर फैसला हो सकता है। इसीलिए इंटरनेशनल मार्केट में सोने के दाम 10 महीने के निचले स्तर पर आ गए है।
बुलियन सेक्टर के लिए बेहद खराब रहा है 2016
- डिमोनेटाइजेशन के बाद कैश की कमी आने से जहां बुलियन मार्केट का करोबार 80 फीसदी तक गिर गया है। बजट में सरकार ने ज्वैलरी पर 1 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगा दी थी।
- इसके विरोध में कारोबारियों ने लंबे समय तक अपनी दुकानें बंद कर दी थीं।
- इससे कारोबार को करीब 18 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार इस साल के पहले 6 महीनों में सोने की डिमांड में 30 फीसदी की कमी आई।
तस्वीरों में देखें Demonetisation के बाद ऐसी जगहों पर भी हो रहा है Paytm जैसे डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल