नई दिल्ली। सोने का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान करीब 32 प्रतिशत घटकर 17.7 अरब डॉलर रहा। इससे चालू खाते के घाटे पर अंकुश लग सकता है। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2015-16 की इसी अवधि में मूल्यवान धातु का कुल आयात 26.4 अरब डॉलर का था।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार घरेलू और विश्व बाजार में मूल्यवान धातु की कीमतों में नरमी स्वर्ण आयात में कमी का कारण हो सकती है। इसके अलावा नोटबंदी के कारण नकदी की कमी से भी आयात पर असर पड़ा है।
- वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार सोने का आयात दिसंबर में 48.49 प्रतिशत घटकर 1.96 अरब डॉलर रहा।
- आयात में कमी से अप्रैल-दिसंबर में व्यापार घाटा कम होकर करीब 76.54 अरब डॉलर रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 100 अरब डॉलर था।
- भारत दुनिया में सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक है और मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिये आयात किया जाता है।
- पूरे वित्त वर्ष 2015-16 में चालू खाते का घाटा 22.1 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.1 प्रतिशत रहा जो 2014-15 में 26.8 अरब डॉलर या 1.3 प्रतिशत था।
तस्वीरों में देखिए सोने से जुड़े फैक्ट्स
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आधिकारिक तौर पर मात्रा के हिसाब से देश का कुल स्वर्ण आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में घटकर 60 टन रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 250 टन था। भारत ने 2015-16 में 650 टन सोने का आयात किया था। नवंबर में सोने का आयात करीब 100 टन पर स्थिर रहा।
विशेषज्ञों के अनुसार आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से हटाये जाने की घोषणा के बाद नकदी की कमी के कारण ग्रामीण मांग प्रभावित हुई।
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