जून से क्या महंगी हो जायेगी सोने की ज्वैलरी, लागू होने जा रहे हैं ये नये नियम
देश में पहली जून से सोने की ज्वैलरी में बीआईएस की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी, और सिर्फ 22 कैरट, 18 कैरट और 14 कैरट के सोने के गहनों की ही बिक्री हो सकेगी।
नई दिल्ली| सोने के गहनों की खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिये एक अहम खबर। एक जून से देश में हॉलमार्किंग वाले आभूषणों की ही बिक्री संभव हो सकेगी। हॉलमार्किंग की प्रक्रिया में ज्वैलर्स को शुल्क चुकाना पड़ेगा इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसका असर आभूषणों की कीमतों पर भी देखने को मिलेगा।
क्या पड़ेगा कीमतों पर असर
हॉलमार्क की प्रक्रिया में ज्वैलर्स के खर्च 3 तरह से बढ़ेंगे, जिन्हें वो आगे ग्राहकों के बिल में जोड़ सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन शुल्क- कारोबारियों को हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन फीस टर्नओवर के हिसाब देनी होगी. यह फीस टर्नओवर के आधार पर 7500 से लेकर 80 हजार रुपये तक है।
हॉलमार्किंग शुल्क- ज्वेलरी या गोल्ड आइटम पर हॉलमार्क के लिए 35 रुपये (टैक्स अतिरिक्त) है, लेकिन ज्यादा गहनों की शुद्धता के लिए न्यूनतम 200 रुपये औऱ टैक्स लगेगा।
ट्रांसपोर्टेशन शुल्क- यह आधिकारिक शुल्क नहीं है लेकिन दूर दराज के ज्वैलर इसकी भी कैलकुलेशन कर रहे हैं। दरअसल हॉलमार्किंग विशेष लैब में की जाती है, जहां टेस्टिंग में वक्त लगता है। ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग के लिये तैयार ज्वैलरी को लैब तक ले जाना होगा। जानकारों के मुताबिक ये शुल्क दूरी के आधार पर तय होगा।
क्या महंगी होंगी ज्वैलरी
पैसाबाजारडॉटकॉम के मुताबिक बीआईएस सर्टिफाइड ज्वैलरी बिना सर्टिफाइड ज्वैलरी के मुकाबले कुछ प्रीमियम पर मिलती हैं। यानि इनकी कीमत बिना सर्टिफाइड ज्वैलरी से कुछ ज्यादा होती है। बड़े ज्वैलर्स ऐसी ज्वैलरी लगातार बेच रहे हैं। हालांकि छोटे शहरों या कस्बों में आज भी बिना सर्टिफिकेशन के भी ज्वैलरी मिलती है, जो अब जून से बंद हो जायेगी। यानि साफ है कि जो ग्राहक और ज्वैलर्स पहले से ही बीआईएस स्टैंडर्ड को मान रहे हैं उनके लिये कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि जो ग्राहक और ज्वैलर्स बिना सर्टिफाइड ज्वैलरी से बीआईएस सर्टिफाइड ज्वैलरी पर शिफ्ट करेंगे उन पर कुछ असर देखने को मिलेगा। हालांकि ऊपर दिये गये शुल्क से साफ है कि ये अंतर भी काफी सीमित होगा और पूरी तरह से ज्वैलर्स पर निर्भर करेगा।
क्या है सरकार का हॉलमार्किंग से जुड़ा नियम
देश में पहली जून से सोने की ज्वैलरी में बीआईएस की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी, और सिर्फ 22 कैरट, 18 कैरट और 14 कैरट के सोने के गहनों की ही बिक्री हो सकेगी। इससे पहले बीआईएस हॉलमार्किंग की अनिवार्यता जनवरी में ही लागू होने वाली थी, जिसे कोविड की वजह से ही आगे बढ़ाकर एक जून 2021 कर दिया गया।
क्या होगा ग्राहकों को फायदा
देश में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की हॉलमार्किंग के ही आभूषण अनिवार्य होने से ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। दरअसल ग्राहकों की तरफ से सोने की शुद्धता को लेकर शिकायतें आम थी। जिसमें ज्यादा कैरेट की कीमत पर कम कैरेट के आभूषणों की बिक्री की शिकायतें थीं। हालांकि हॉलमार्किंग से इस तरह की धोखाधड़ी खत्म हो सकेगी। क्योंकि ग्राहक सोने की शुद्धता जान सकेंगे। वहीं इससे ईमानदारी से काम करने वाले ज्वैलर्स को भी फायदा मिलने की उम्मीद है।