नई दिल्ली। एक निवेश उत्पाद के रूप में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की लोकप्रियता लगातार कम हो रही है। निवेशकों ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान इसमें से 250 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की और इसकी जगह शेयर बाजार को तरजीह दी। पिछले चार वित्त वर्ष के दौरान गोल्ड ईटीएफ श्रेणी में कारोबार सुस्त रहा। वित्त वर्ष 2016-17 में 775 करोड़ रुपए, 2015-16 में 903 करोड़ रुपए, 2014-15 में 1,475 करोड़ रुपए तथा 2013-14 में 2,293 करोड़ रुपए की पूंजी निकासी की गई।
वहीं दूसरी तरफ चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने अप्रैल-जुलाई के दौरान इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी बचत योजना (ईएलएसएस) में 41,000 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी डाली गयी। शेयर बाजारों में तेजी बनी हुई है और यह इस साल नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।
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फंड्सइंडिया डॉट कॉम की प्रमुख विद्या बाला ने कहा कि,
एक एसेट क्लास के रूप में सोने का आकर्षण कम हो रहा है। इसका एक बड़ा कारण बॉन्ड का बेहतर रिटर्न देना तथा वैश्विक स्तर पर ब्याज दर में वृद्धि के ट्रेंड हैं ।
विद्या के अनुसार, परंपरागत रूप से भारत के सोने की मांग वैश्विक स्तर पर कीमतों की धारणाओं को प्रभावित करता है। अब भारतीय शेयर बाजारों में तेजी का मतलब है कि एक निवेश उत्पाद के रूप में सोने को तरजीह नहीं दी जा रही है। वैश्विक स्तर पर ब्याज दर में वृद्धि तथा मजबूत भारतीय शेयर बाजार से सोने का आउटलुक स्थिर नजर आता है।
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एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया एएमएफआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार गोल्ड से संबद्ध 14 ईटीएफ से चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान शुद्ध रूप से 256 करोड़ रुपए की निकासी की गयी। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 411 करोड़ रुपए था। इस पूंजी निकासी से सोने के अंतर्गत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति जुलाई में घटकर 5,098 करोड़ रुपए हो गई। गोल्ड ईटीएफ से लगातार निकासी हो रही है। इससे पहले, अक्टूबर में इसमें 20 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
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