नई दिल्ली। भारत में 2016 में सोने की मांग गिरकर 750 से 800 टन रहने की उम्मीद है जबकि पिछले साल यह 860 टन थी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) का कहना है कि इसके पीछे अहम वजह इसके दामों में तेज बढ़ोत्तरी और ज्वैलर्स द्वारा नए नियमों के विरोध में हड़ताल करना है।
काउंसिल के भारत के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने एसोचैम के एक कार्यक्रम से इतर कहा कि, इस साल की शुरूआती छमाही में सोने की मांग गिरकर 248 टन रह गई। हमारा मानना है कि अच्छे मानसून की वजह से दूसरी छमाही में इस मांग में सुधार होगा। उन्होंने जनवरी-दिसंबर 2016 के बीच सोने की कुल मांग 750 से 800 टन के बीच रहने की संभावना जताई।
आयात घटने से होंगे ये फायदे
- देश में सोने के आयात को कम करने के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
- सरकार ने इसके लिए गोल्ड मोनेटाइजेशन और गोल्ड बॉन्ड जैसी स्कीम लेकर आई है।
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक सोने के आयात में गिरावट देश के लिए अच्छा है।
- इससे चालू खाता घाटा (सीएडी) को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। वहीं आयात बिल भी कम होगा।
सोना हुआ 50 रुपए महंगा
- दिल्ली में 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने में 50 रुपए की उछाल।
- सोने के भाव क्रमश: 31,350 और 31,200 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुए।
- इससे पहले बीते तीन दिनों में 300 रुपए की गारवट दर्ज की गई थी।
- गिन्नी के भाव बिना किसी बदलाव के 24,500 रूपए प्रति आठ ग्राम पर स्थिर
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