नई दिल्ली। दुनियाभर में 2018-19 कपास वर्ष (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान कपास की रिकॉर्ड खपत हो सकती है साथ में उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले कम रहने की आशंका है। वैश्विक स्तर पर कपास उत्पादन, खपत, आयात और निर्यात से जुड़े आंकड़े जारी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल कॉटन एडवायजरी कमेटी (ICAC) की तरफ से यह अनुमान जारी किया गया है।
खपत में करीब 11 लाख टन बढ़ोतरी का अनुमान
ICAC के मुताबिक 2018-19 सीजन के दौरान वैश्विक स्तर पर कपास की खपत 274.6 लाख टन तक पहुंच सकती है जो अबतक की सबसे अधिक सालाना खपत होगी और 2017-18 के मुकाबले लगभग 11 लाख टन ज्यादा। ICAC ने चालू कपास वर्ष 2017-18 के दौरान वैश्विक स्तर पर 263.8 लाख टन कपास खपत होने का अनुमान है।
उत्पादन में करीब 10 लाख टन गिरावट की आशंका
उत्पादन की बात करें तो 2018-19 के दौरान इसमें करीब 4 प्रतिशत की कमी की आशंका जताई गई है, ICAC के मुताबिक अक्टूबर से शुरू होने वाले नए कपास वर्ष के दौरान वैश्विक स्तर पर 258.9 लाख टन कपास उत्पादन का अनुमान है जबकि मौजूदा वर्ष 2017-18 के दौरान कुल उत्पादन 268.7 लाख टन रह सकती है। 2018-19 के दौरान अधिक खपत और कम उत्पादन हुआ तो कपास के कैरी ओवर स्टॉक में भी भारी गिरावट आ सकती है। ICAC ने 2018-19 के दौरान कपास का कैरी ओवर स्टॉक घटकर सिर्फ 177.1 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है।
देश में भी इस साल कपास का रकबा पिछड़ा
इस साल देश में भी कपास की खेती कमी देखने को मिली है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 27 जुलाई तक देशभर में कुल 102.51 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती हुई है जबकि पिछले साल इस दौरान 111.38 लाख हेक्टेयर में फसल लग चुकी थी। दुनियाभर में भारत कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है।
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