नई दिल्ली। जून तिमाही में GDP ग्रोथ बढ़ने का असर सोमवार को शेयर बाजार पर दिख सकता है। इसके अलावा वैश्विक रुख और डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति से तय होगी। इन सबके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें और अगस्त के दौरान ऑटो कंपनियों के बिक्री आंकड़े भी शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद GDP के आंकड़े जारी किए गए। 2018-19 की पहली तिमाही में GDP वृद्धि 8.2% रही है।
शेयर बाजार के जानकार और एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम के मुताबिक यह सप्ताह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़ों से शुरू होगा। रुपए में लगातार बनी कमजोरी और कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतें भी प्रमुख कारक बनी रहेंगी। इससे मुद्रास्फीति को लेकर चिंता फिर बढ़ गई हैं। यह तमाम आंकड़े बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं।
शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे टूटकर 71 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया। इसकी प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता आना है। सैमको सिक्योरिटीज के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने बताया कि बाजार में मुनाफावसूली का रुख रहने की संभावना है। रुपए में गिरावट के चलते सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में स्पष्ट उछाल देखा गया है। लेकिन यह जरूरत से अधिक खरीद समर्थन प्राप्त कर चुके हैं। ऐसे में इनमें अभी सुधार होगा।
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