नयी दिल्ली। छह माह से जारी लिवाली के रुख से अलग विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च के शुरुआती पांच कारोबारी दिवस में शुद्ध तौर पर बिकवाली की है। इस अवधि में एफपीआई ने भारतीय पूंजी बाजारों से कुल 13,157.12 करोड़ रुपये की निकासी की है। कोरोना वायरस को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार दो से छह मार्च के बीच एफपीआई ने शेयर बाजारों से 8,997.46 करोड़ रुपये और बांड बाजार से 4,159.66 करोड़ रुपये की निकासी की है। इस तरह उन्होंने पूंजी बाजार से 13,157.12 करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले सितंबर 2019 से एफपीआई घरेलू बाजार में लगातार छह महीने लिवाल बने हुए थे।
ग्रो के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि अमेरिका में कोरोना वायरस के फैलने को लेकर बढ़ती चिंता और इस वजह से वैश्विक बाजारों में हो रही उठापटक भारतीय बाजारों को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक है। बाजार में नरमी बढ़ने के डर से एफपीआई ने घरेलू शेयर और बांड दोनों बाजार से लगातार निकासी की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने नीतिगत दरों में 0.5 प्रतिशत की आकस्मिक कटौती की है। यह अमेरिकी सरकार की नरमी की आशंका को दिखाता है। मौजूदा समय में देश के भीतर इस स्थिति को यस बैंक के संकट से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए। यह बाजार को प्रोत्साहन देने वाली स्थिति नहीं है।
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