नई दिल्ली। बाजार में तेजी जारी रहने के साथ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का घरेलू शेयरों में निवेश मूल्य एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2021 के बीच 112 अरब डॉलर उछलकर 667 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, शेयरों का अधिक मूल्यांकन उनकी चिंता बढ़ा रहा है। ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह कहा। पिछले साल महामारी की शुरुआत के साथ मार्च, 2020 में बाजार 23 प्रतिशत नीचे आ गया था। लेकिन उसके बाद से सेंसेक्स में तेजी आयी और तीन फरवरी को यह 50,000 अंक, 25 सितंबर को 60,000 अंक और 14 अक्टूबर को 61,000 के स्तर पर पहुंच गया। बीएसई सेंसेक्स 19 अक्टूबर को 62,000 के स्तर पर पहुंच गया जबकि मार्च, 2020 में यह 25,000 अंक के नीचे था।
एफपीआई का निवेश मूल्य मार्च, 2021 को 555 अरब डॉलर था। यह सितंबर, 2020 से मार्च, 2021 के बीच की अवधि से 105 अरब डॉलर अधिक है। इस साल जून में एफआईआई का निवेश मूल्य 592 अरब डॉलर था। इसका मतलब है कि बाजार में तेजी के साथ उनका निवेश मूल्य 38 अरब डॉलर बढ़ा। जबकि शुद्ध रूप से बढ़ा हुआ निवेश इस दौरान लगभग शून्य था। एफपीआई ने अगस्त में फरवरी, 2020 के बाद से सबसे कम कम राशि का निवेश किया। उन्होंने केवल 28.1 करोड़ डॉलर लगाये। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज इंडिया की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश मूल्य सितंबर के अंत में 667 अरब डॉलर रहा। उन्होंने इस दौरान 1.8 अरब डॉलर का निवेश किया। इसके साथ इस साल सितंबर तक उनका कुल पूंजी प्रवाह 8.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह 2021 में अबतक उभरते बाजारों में सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे बाजारों में सितंबर महीने में पूंजी निकाली गयी। दक्षिण कोरिया से एफपीआई ने 25.5 अरब डॉलर और ताइवान से 16.7 अरब डॉलर निकाले। केवल ब्राजील में पूंजी निवेश सकारात्मक 8.1 अरब डॉलर रहा। रिपोर्ट में बाजार में कुछ सुधार को लेकर आगाह किया गया है। इसका कारण शेयरों का मूल्यांकन काफी ऊपर पहुंच जाना है। हालांकि पाबंदियों में ढील के साथ अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में गतिविधियां तेज होने से दूसरी तिमाही में कंपनियों के परिणाम बेहतर रहने की उम्मीद है।
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