नयी दिल्ली: एक महीने तक लगातार निवेश के बाद विदेशी पोर्टफालियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई में पहले सात कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 2,249 करोड़ रुपये की निकासी की है। मार्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी मुख्य वजह एफपीआई द्वारा मुनाफा काटना है क्योंकि इस समय बाजार अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इस तथ्य को समझने की जरूरत है कि वे बहुत अधिक बिकवाली नहीं कर रहे हैं।
‘‘इसकी वजह है कि बेशक मूल्यांकन खिंचा हुआ है, लेकिन बाजारों में कोई बड़ी गिरावट का संकेत नहीं है। 10 साल के बांड पर प्राप्ति घटकर 1.3 प्रतिशत पर आ गई है जिससे एक बार फिर से बाजार शेयरों की ओर झुक गया है।’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से 10 जुलाई के दौरान ऋण या बांड बाजार में एफपीआई ने 2,088 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 161 करोड़ रुपये रही। इससे पहले जून में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 13,269 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वहीं अप्रैल और मई में उन्होंने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से निकासी की थी।
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