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Hindi News पैसा बाजार एफपीआई ने जनवरी में इक्विटी में अब तक 4800 करोड़ रुपये निवेश किये

एफपीआई ने जनवरी में इक्विटी में अब तक 4800 करोड़ रुपये निवेश किये

एफपीआई ने एक से आठ जनवरी के बीच इक्विटी में 4,819 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 337 करोड़ रुपये निवेश किया। इस तरह जनवरी के महीने में 8 तारीख तक एफपीआई ने कुल 5,156 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।

<p>विदेशी निवेशकों का...- India TV Paisa Image Source : PTI विदेशी निवेशकों का इक्विटी में बढ़ा निवेश

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस साल के शुरुआती छह कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध आधार पर 5,156 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया। आने वाले बजट में अर्थव्यवस्था में रिकवरी तेज करने के लिए जरूरी कदमों के ऐलान और तीसरी तिमाही में कंपनियों के बेहतर वित्तीय परिणाम की उम्मीद में विदेशी निवेशकों ने बाजार में निवेश बढ़ाया है। डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से आठ जनवरी के बीच इक्विटी में 4,819 करोड़ रुपये और ऋणपत्रों में 337 करोड़ रुपये निवेश किया। इस तरह समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने कुल 5,156 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।

एलकेपी सिक्योरिटीज के अनुसंधान प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘भारतीय बाजारों में एफपीआई की आमद मुख्य रूप से एक सुधारवादी बजट के साथ-साथ अच्छी तीसरी तिमाही के बेहतर परिणाम की उम्मीदों के कारण है।’’ एक अन्य संस्था ग्रोव के सह संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि इसके अलावा, अन्य देशों की तुलना में भारत में कोविड-19 के मामलों की कम संख्या भी एक प्रमुख कारण है कि भारत में निवेश बढ़ रहा है। कई अन्य देशों ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन को फिर से शुरू किया है। उन्होंने कहा कि 2020 में भारत में आये निवेश की मात्रा उभरते बाजारों में सबसे अधिक है, जबकि अधिकांश उभरते बाजारों में वास्तव में निकासी हुई। जैन ने कहा, ‘‘भारत पिछले कुछ तिमाहियों में सुधार को देखते हुए एक मजबूत आर्थिक रिकवरी की उम्मीद को लेकर एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है।’’

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि भारत, चीन, रूस और दक्षिण कोरिया एफपीआई के पसंदीदा गंतव्य हैं। शेयर बाजार में जनवरी की शुरुआत में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है। बाजार फिलहाल नए स्तरों पर पहुंच चुका है। वहीं बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 200 लाख करोड़ रुपये के अहम स्तर से 2.5 फीसदी ही दूर है।

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