नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के नियंत्रण में आने के संकेत और वैक्सीनेशन में तेजी के साथ विदेशी निवेशको का एक बार फिर भारतीय बाजारों पर भरोसा बढ़ने लगा है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दो महीने तक बिकवाली बढ़ाने के बाद एक बार फिर जून में भारतीय बाजारों की तरफ रुख किया है। विदेशी निवेशको ने जून में भारतीय सिक्योरिटी मार्केट में 13,269 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया।
क्या रहे निवेश के आंकड़े
डिपॉजिटरी के आंकड़े के मुताबिक एफपीआई ने एक जून से 30 जून के बीच शेयरों में 17,215 करोड़ रुपए के कुल खरीदारी की वहीं दूसरी तरफ उन्होने बांड बाजार से 3,946 करोड़ रुपए की निकासी की। इस तरह इस अवधि में उनकी ओर से कुल 13,269 रुपए का शुद्ध निवेश हुआ। इससे पहले मई और अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने क्रमश: 2,666 करोड़ और 9,435 करोड़ रुपए निकाल लिए थे।
क्यो बढ़ा घरेलू बाजार में FPI का निवेश
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसियेट निदेशक (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी वजह देश में कोविड-19 मामलों में लगातार आ रही कमी हो सकती है जिससे अर्थव्यवस्था के तेजी से खुलने की उम्मीद बढ़ी है। उन्होंने बताया कि इसके साथ साल की पहली तिमाही में अच्छे परिणाम और लंबे समय में सकारात्मक आय वृद्धि के रुख से भारतीय शेयरों में एफपीआई की रुचि के बढ़ने की वजह है। एलकेपी सेक्योरिटीज के प्रमुख (रिसर्च) एस रंगनाथन ने कहा, "जून में अप्रैल और मई में लगा लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाया गया और एफपीआई ने सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त प्रौद्योगिकी और बीमा जैसे कई क्षेत्रों में शेयर खरीदे जो लार्ज कैप एवं मिड कैप आधारित थे।" कोटक सेक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष (इक्विटी टेक्नीकल रिसर्च) श्रीकांत चौहान ने कहा कि ताइवान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन को छोड़कर ज्यादातर उभरती अर्थव्यवस्थाओं और एशियाई बाजारों में इस महीने अब तक एफपीआई ने निवेश किया है।
यह भी पढ़ें: ऑटो सेक्टर की बिक्री सुधरी, जानिये जून में कैसा रहा कंपनियों का प्रदर्शन
Latest Business News