लगातार तीसरे महीने FPI ने बाजार से निकाली रकम, हालांकि पैसे निकालने की रफ्तार घटी
शेयर बाजार में निवेश बढ़ने से पैसे निकालने की रफ्तार घटी
नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी का सिलसिला मई में लगातार तीसरे महीने जारी रहा। कोविड-19 संकट के बीच एफपीआई ने मई में भारतीय पूंजी बाजारों से 7,366 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से 29 मई के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 14,569 करोड़ रुपये निवेश किए, लेकिन उन्होंने बांड मार्केट से 21,935 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 7,366 करोड़ रुपये निकाले। इससे पहले मार्च में एफपीआई ने भारतीय पूंजी बाजारों से रिकॉर्ड 1.1 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। वहीं अप्रैल में उन्होंने 15,403 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि मई में निकासी अप्रैल से कम है। इसकी वजह यह है कि एफपीआई ने इस महीने में एक ही दिन 8 मई को भारतीय शेयर बाजारों में 2.3 अरब डॉलर लगाए थे। उन्होंने कहा कि इसकी वजह इस साल भारतीय शेयरों में बड़े ‘करेक्शन’ के बाद आकर्षक मूल्यांकन और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट है। श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 महामारी दुनियाभर के देशों में फैल गई है। ऐसे में विदेशी निवेशक कम जोखिम ले रहे हैं और वे अपने पोर्टफोलियो को उभरते बाजारों से हटाकर नए सिरे से संतुलित कर रहे हैं। अब वे सोने या अमेरिकी डॉलर जैसे अधिक सुरक्षित निवेश विकल्पों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।