मुंबई। भारतीय शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह सीमित दायरे में कारोबार देखा गया मगर इस सप्ताह तेजी आने की संभावना है। बाजार की चाल हालांकि सप्ताह के दौरान जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों, मानसून की प्रगति और विदेशी बाजार के संकेतों से तय होगी। इसके अलावा वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव और डॉलर के प्रति देसी करेंसी रुपए की चाल का भी शेयर बाजारों पर असर होगा। इस सप्ताह मंगलवार को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आने वाले हैं। इसके अलावा सरकार थोक मूल्य आधारित महंगाई के आंकड़े भी इस सप्ताह जारी करेंगी जिससे बाजार के रुख पर असर दिखेगा।
साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निदेशकों के रुझानों से घरेलू शेयर बाजार को दिशा मिलेगी। निवेशकों को कनाडा में चल रहे विकसित देशों का समूह यानी जी-7 के शिखर सम्मेलन के नतीजों का इंतजार है। इसमें आयात शुल्क को लेकर पैदा हुए व्यापारिक टकराव पर बातचीत होने की संभावना है जिससे वैश्विक बाजार को दिशा मिलेगी और उसका असर भारतीय शेयरों पर भी दिखेगा।
इसके अलावा निवेशकों की नजर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की आगामी बैठकों के नतीजों पर भी होगी। फेड की दो दिवसीय बैठक बुधवार को समाप्त होगी जब वह ब्याज दर बढ़ाने को लेकर अपने फैसलों की घोषणा कर सकता है। इसके एक दिन बाद यूरोपीय केंद्रीय बैंक यानी ईसीबी की बैठक में भी ब्याज दर बढ़ाने को लेकर फैसले आने की उम्मीद है।
वहीं बैंक ऑफ जापान भी अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में कुछ फैसले ले सकता है। दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के फैसलों से अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजारों की दिशा तय होगी, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ना स्वाभाविक है।
दुनियाभर के बाजारों को इस सप्ताह उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सिंगापुर में होने वाले ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में होने वाली मुलाकात का भी इंतजार है। दोनों नेताओं के बीच उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को बंद करने और एटॉमिक हथियारों को नष्ट करने पर बातचीत होने की संभावना है।
शेयर बाजारों पर अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़ों का भी असर दिखेगा। अमेरिका में महंगाई खुदरा बिक्री, औद्योगिकी उत्पादन के आंकड़े गुरुगार को जारी होंगे और उसी दिन चीन में भी औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होने की संभावना है।
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