नई दिल्ली। कंपनियों के तिमाही नतीजों, कोविड-19 संक्रमण से जुड़ी खबरों तथा वैश्विक संकेतक इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि डेरिवेटिव्सस अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। विश्लेषकों का कहना है कि इसके अलावा निवेशकों की निगाह विदेशी निवेशकों के रुख, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों तथा रुपये के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी। देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव है। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 953.8 अंक या 1.95 प्रतिशत टूट गया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह भी बाजार में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा। अप्रैल माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा। 30 अप्रैल को बुनियादी क्षेत्र के आंकड़े आने हैं। इसका असर भी बाजार पर दिखेगा। यह कहने की जरूरत नहीं है कि कोविड से जुड़े घटनाक्रमों पर भागीदारों की निगाह रहेगी।’’ इस सप्ताह एक्सिस बैंक, मारुति, बजाज ऑटो, हिंदुस्तान यूनिलीवर और इंडसइंड बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं। इसके अलावा टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान जिंक, टाइटन कंपनी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजों की भी घोषणा होगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘जब तक कोविड के मामले बढ़ेंगे, बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। निवेशकों की निगाह सरकार के कदमों तथा टीकाकरण अभियान की प्रगति पर रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशकों की निगाह फेडरल रिजर्व की मौद्रिक समीक्षा और अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर भी रहेगी। इससे निकट भविष्य में वैश्विक बाजार प्रभावित होंगे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कोविड के बढ़ते मामलों के बीच तिमाही नतीजों के चलते कुछ शेयर विशेष में गतिविधियां रहेंगी, जिससे बाजार का रुख तय होगा। सैमको सिक्योरिटीज की इक्विटी शोध प्रमुख निराली शाह ने कहा, ‘‘सप्ताह के दौरान दुनियाभर के निवेशकों की निगाह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी यानि एफओएमसी के नतीजों पर रहेगी।’’
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