चार महीने में यहां लोगों ने कमाएं 31 लाख करोड़ रुपये, आप भी कर सकते हैं मोटी कमाई
इस समय वैश्विक स्तर पर तेजड़िया बाजार है। मिस्र और ईरान जैसे कुछ बाजारों को छोड़ दिया जाए, तो दुनिया के तमाम बाजारों में तेजी है।
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार माह (अप्रैल से जुलाई) में शेयर बाजार के निवेशकों की पूंजी 31 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ी है। बाजार में सकारात्मक रुख के बीच पहले चार माह में निवेशकों की पूंजी में कुल मिलाकर 31,18,934.36 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,077.69 अंक या 6.21 प्रतिशत चढ़ा है। सेंसेक्स ने 16 जुलाई, 2021 को अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 53,290.81 अंक के स्तर को छुआ था। 15 जुलाई को यह अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 53,158.85 अंक पर बंद हुआ था।
निवेशकों की सकारात्मक धारणा की वजह से बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 31,18,394.36 करोड़ रुपये बढ़ा है। 30 जुलाई को बाजार पूंजीकरण 2,35,49,748.90 करोड़ रुपये के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा। इक्विटी99 के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने कहा कि निवेशकों की सकारात्मक धारणा के पीछे धन का प्रवाह और तरलता प्रमुख वजह है। उन्होंने कहा कि बाजार ने 2020 में बिकवाली के सिलसिले के बाद जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। बेंचमार्क सेंसेक्स मार्च, 2020 के अपने निचले स्तर से इस समय दोगुना से अधिक हो गया है। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 90,82,057.95 करोड़ रुपये बढ़कर 2,04,30,814.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों के बावजूद सेंसेक्स बीते वित्त वर्ष में 20,040.66 अंक या 68 प्रतिशत चढ़ा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयुमार ने कहा कि सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि इस समय वैश्विक स्तर पर तेजड़िया बाजार है। मिस्र और ईरान जैसे कुछ बाजारों को छोड़ दिया जाए, तो दुनिया के तमाम बाजारों में तेजी है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनिया के सभी केंद्रीय बैंकों ने बाजार में जबर्दस्त तरलता डाली है। यह बाजारों में तेजी की एक प्रमुख वजह है।
छोटे शेयरों ने दिया निवेशकों को ‘बड़ा’ रिटर्न
छोटे शेयरों ने चालू वित्त वर्ष में निवेशकों को अधिक प्रतिफल या रिटर्न दिया है। चालू वित्त वर्ष में अबतक स्मॉलकैप इंडेक्स 29.72 प्रतिशत चढ़ा है और इसका प्रदर्शन सेंसेक्स से बेहतर रहा है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह में छोटी कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन के विश्लेषण से पता चलता है कि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 6,137.29 अंक या 29.72 प्रतिशत चढ़ा है। इस दौरान मिडकैप में 2,905.91 अंक या 14.39 प्रतिशत का उछाल आया है। वहीं इसकी तुलना में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,077.69 अंक या 6.21 प्रतिशत चढ़ा है। मिडकैप इंडेक्स 23 जुलाई को अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर 23,207.51 अंक पर पहुंच था। वहीं स्मॉलकैप 30 जुलाई को 26,895.93 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया था।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 16 जुलाई को 53,290.81 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर तक गया था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि बाजार का प्रदर्शन असाधारण रहा है। व्यापक बाजार ने बेंचमार्क सूचकांक की तुलना में अधिक बेहतर प्रदर्शन किया है। इससे व्यापक बाजार के निवेशकों को ऊंचा रिटर्न मिला है। विश्लेषकों ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार तथा टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने से भी बाजार को मदद मिली। बीते वित्त वर्ष 2020-21 में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 11,040.41 अंक या 114.89 प्रतिशत चढ़ा। वहीं इस दौरान मिडकैप 9,611.38 अंक या 90.93 प्रतिशत के लाभ में रहा। इसकी तुलना में बीएसई सेंसेक्स 20,040.66 अंक या 68 प्रतिशत के लाभ में रहा। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि छोटे शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशक खरीदते हैं। वहीं विदेशी निवेशक ब्लूचिप या बड़ी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाते हैं।
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