कोरोना वायरस से जुड़े घटनाक्रमों से तय होगी बाजार की दिशा: विश्लेषक
आगामी सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा कोरोना वायरस से संबंधित घटनाक्रमों से तय होगी। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद बीता सप्ताह शेयर बाजारों के लिए सबसे खराब रहा है।
नयी दिल्ली। आगामी सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा कोरोना वायरस से संबंधित घटनाक्रमों से तय होगी। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद बीता सप्ताह शेयर बाजारों के लिए सबसे खराब रहा है। विश्लेषकों ने कहा कि निवेशक कोरोना वायरस के प्रभाव का आकलन करने में जुटे हैं। शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स ने अपने इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की थी।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पहले लगाए गए अनुमान से कहीं अधिक रहेगा। दुनिया के 50 देशों के 85,000 से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। अब तक यह वायरस 2,900 लोगों की जान ले चुका है। इसके अलावा, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और देश के ताजा घटनाक्रमों का भी घरेलू शेयर बाजार पर असर देखने को मिलेगा। जानकारों की माने तो विदेशी संकेतों से घरेलू बाजार को दिशा मिलेगी। चीन के बाद दक्षिण कोरिया व अन्य देशों में कोरोना वायरस के कहर बरपाने के कारण वैश्विक बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई जोकि 2008 के वित्तीय संकट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है जिसके प्रभाव में भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का भारी दबाव रहा और प्रमुख संवेदी सूचकांकों में करीब सात फीसदी की साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि यदि यह संक्रमण बढ़ता है और अधिक समय तक बना रहता है और तेजी से फैलता है तो बाजारों के लिए जोखिम बढ़ेगा। उन्होंने कहा, 'यह संक्रमण कितनी तेजी से फैलता है और इसे कहां पर रोका जा सकता है, के आधार पर अगले सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। चीन की सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। अब सभी की निगाह इस बात पर है कि अन्य सरकारें अपनी अर्थव्यवस्थाओं के लिए क्या कदम उठाती हैं।'
चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर, 2019 की तीसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े शुक्रवार को आए हैं। तीसरी तिमाही की वृद्धि दर घटकर 4.7 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका करीब सात साल का निचला स्तर है। आगामी सप्ताह शेयर बाजार जीडीपी के आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया देंगे।
इस सप्ताह कुछ प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ ऑटो कंपनियों की बिक्री के आंकड़े भी जारी होंगे जिस पर बाजार की नजर होगी। साथ ही, देश की राजधानी दिल्ली में बीते सप्ताह हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर संसद का सत्र हंगामेदार रह सकता है। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण जो सोमवार से आरंभ हो रहा है, तीन अप्रैल 2020 तक चलेगा। उधर, एसबीआई कार्डस एंड पेमेंट सर्विसेज का आईपीओ सोमवार को खुलने जा रहा है और आईपीओ की बिक्री पांच मार्च को बंद होगी।
सप्ताह के आरंभ में सोमवार को देश के मार्किट मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के फरवरी महीने के आंकड़े जारी होंगे जबकि मार्किट सर्विसेज पीएमआई के फरवरी महीने के आंकड़े बुधवार को जारी होने हो सकते हैं। उधर, चीन में फरवरी महीने के कैक्सिन मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई के आंकड़े सोमवार को जारी होंगे और इसी दिन अमेरिका और यूरोप में भी मार्किट मैन्यूफैक्च रिंग पीएमआई के फरवरी महीने के आंकड़े जारी होंगे।
सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा कि आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह एसबीआई कार्ड्स के आईपीओ और राइट्स की बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर रहेगी। उन्होंने कहा कि इनका नतीजा कुछ भी रहे, बाजार की दिशा मुख्य रूप से वायरस और वैश्विक धारणा के आधार पर तय होगी। शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,448.37 अंक या 3.64 प्रतिशत टूटकर 38,297.29 अंक पर आ गया। बीते सप्ताह सेंसेक्स 2,872.83 अंक या 6.97 प्रतिशत नीचे आया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 879.10 अंक या 7.27 प्रतिशत के घाटे में रहा।