अमेरिका-ईरान टेंशन: सेंसेक्स 750 से ज्यादा अंक टूटा, दुनिया भर के शेयर बाजारों में खलबली
इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक से दुनिया भर के शेयर बाजारों में खलबली मच गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा है।
नई दिल्ली। इरान और अमेरिका के बीच लगातार बढ़ते तनाव की वजह से दनिया भर के शेयर बाजारों में बिकावली का माहौल छाया हुआ है। जिसका असर भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिल रहा है। सोमवार को अधिकतर एशियाई बाजारों में बिकावली देखी गई और इस वजह से भारतीय शेयर बाजारों में भी गिरावट आई है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स फिलहाल 692.60 अंक (1.67 प्रतिशत) के साथ कारोबार करता दिखाई दिया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला निफ्टी 210.20 अंक लुढ़कर 12,016.45 के स्तर पर कारोबार करता दिखाई दिया।
दोपहर 1 बजकर 27 मिनट पर सेंसेक्स 703.47 अंक (1.70 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 40,761.14 के स्तर पर कारोबार करता दिखाई दिया। इसी समय निफ्टी 210.10 अंक (1.72 प्रतिशत) लुढ़ककर 12,016.55 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। दोपहर 2 बजर 35 मिनट पर सेंसेक्स में 763.50 अंकों की गिरावट देखी गई।
इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक से दुनिया भर के शेयर बाजारों में हलचल मच गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा है। जापान के शेयर बाजारों में 2.1 प्रतिशत, साउथ कोरिया के बाजारों में 1 प्रतिशत, हांगकांग शेयर बाजार में 0.94 प्रतिशत जबकि चीन के शंघाई बाजार की बात करें तो यहां 0.32 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है। गौरतलब है कि ज्यादातार बाजार लाल निशान के साथ कारोबार करते दिखाई दे रहे हैं। एशिया पैसिफिक मार्केट में भी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।
निफ्टी की 50 में से 45 कंपनियां लाल निशान के साथ कारोबार कर रही है वहीं सेंसेक्स की 30 में से 27 कंपनियों में गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स की टाइटन, टेक महिंद्रा और टीसीएस में तेजी देखी जा रही है जबकि बजाज फाइनेंस, एसबीआई, एचडीएफसी, मारुति एशियन पेंट समेत कई बैंकिंग और तेल कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
अमेरिका और ईरान के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आएगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी से भारत में डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल सुस्त पड़ सकती है, जिसका प्रभाव घरेलू शेयर बाजार पर पड़ेगा।
साथ ही देश की कुछ प्रमुख कंपनियां चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के अपने वित्तीय नतीजे घोषित करने वाली हैं, जिससे भी बाजार प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा इस सप्ताह देश-विदेश में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी।