मुंबई। देश का प्रमुख शेयर बाजार बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 30 साल का हो गया है। तीस साल पूरे होने के मौके पर यहां एक समारोह आयोजित किया गया।
बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष कुमार चौहान ने कहा कि 30 शेयरों वाला सूचकांक देश के जीवन का हिस्सा बन गया है और आर्थिक गतिविधियों तथा देश की दिशा को प्रतिबिंबित करता है।
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- एसएंडपी बीएसई सूचकांक की शुरुआत एक जनवरी 1986 को की गई थी।
- शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या 7,800 से अधिक है और इस लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है।
- यह मूल्य के हिसाब से देश के बाजार का करीब 45 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
- पहले दिन सेंसेक्स 549.43 अंक पर बंद हुआ था। वहीं चार मार्च 2015 को कारोबार के दौरान यह 30,024.74 अंक के उच्च स्तर पर चला गया।
- पुणे के शेयर बाजार विश्लेषक दीपक मोहोनी ने सेंसेक्स या संवेदनशील सूचकांक नाम दिया था।
- शुरू की 30 कंपनियों में से अब इस सूचकांक में केवल छह कंपनियां आरआईएल, आईटीसी, एचयूएल, एलएंडटी, एमएंडएम और टाटा स्टील बची हैं।
बीएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज जनवरी में शुरू कर सकता है कामकाज
गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) सिटी में बीएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज के अगले साल जनवरी से काम शुरू करने की उम्मीद है। बीएसई अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपए के निवेश की योजना बना रहा है, जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय उत्पाद की पेशकश करेगा।
- अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज शुरू में डेरिवेटिव्स उत्पादों के साथ काम शुरू करेगा।
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