नई दिल्ली। पेट्रोल के दाम आज 6 हफ्ते के निचले स्तर तक पहुंचने से उपभोक्ताओं को जो राहत मिली है वह जल्दी ही खत्म भी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अचानक उछाल आ गया है जिस वजह से देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी और वह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी कर सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को ब्रेंट क्रूड की कीमतों ने 65.29 डॉलर प्रति बैरल का ऊपरी स्तर छुआ है जो जून 2015 के बाद सबसे अधिक यानि करीब 30 महीने में सबसे ज्यादा भाव है। हालांकि डब्ल्यूटीआई क्रूड का दाम अभी 58 डॉलर प्रति बैरल के करीब है, जिससे तेल कंपनियो को कुछ राहत जरूर है। भारत में जो कच्चा तेल आयात होता है उसमें ब्रेंट क्रूड के साथ डब्ल्यूटीआई क्रूड भी होता है। भारत में आयात होने वाले सभी तरह के कच्चे तेल के भाव का पेट्रोलियम मंत्रालय औसत निकालता है और उसके बाद भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का भाव निकाला जाता है। पेट्रोलियम मंत्रालय आम तौर पर भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का भाव रोजाना जारी करता है लेकिन इस बार मंत्रालय ने दिसंबर में कई दिनों से भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल के भाव जारी नहीं किए हैं।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में आई तेजी की वजह से देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दबाव बढ़ना शुरू हो गया है। पेट्रोल और डीजल पर लागत बढ़ने की आशंका से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को गिरावट देखी जा रही है। लागत बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अपने घाटे की भरपायी के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करना शुरू कर सकती हैं। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल का दाम 69.09 रुपए प्रति लीटर है जो करीब 6 हफ्ते में सबसे कम भाव है। दिल्ली की तरह चेन्नई और कोलकाता में भी पेट्रोल का दाम 6 हफ्ते के निचले स्तर पर है।
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