नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सरकारी उपक्रम भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) को 24 कैरेट वाले सोने से बने आभूषणों के लिए हालमार्क मानक तैयार करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की जल्द ही सोने की हालमार्किग (गुणवत्ता प्रमाणीकरण) को अनिवार्य किये जाने की योजना है और वह इसके लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं सहित जरूरी आधारभूत ढांचों को सुदृढ़ करने के लिए काम काम कर रही है।
मौजूदा समय में 14, 18 और 22 कैरेट शुद्धता वाले सोने से बने आभूषणों की हालमार्किग के संदर्भ में बीआईएस के मानक हैं। पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले आभूषण 24 कैरेट सोने से नहीं बनते थे। अब विदेशों में उपलब्ध अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ ऐसा करना संभव हो गया है। इस श्रेणी के लिए भी मानक होने की मांग उठ रही है।’’
पासवान बुधवार को नये BIS कानून 2016 के लागू होने के बाद BIS की संचालन परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। यह नया कानून 12 अक्तूबर से अमल में आया है। BIS की महानिदेशक सुरीना राजन ने कहा कि देश में चार लाख से अधिक आभूषण कारोबारी हैं। मौजूदा समय में अधिकांश परीक्षण प्रयोगशाला निजी कंपनियों से संचालित हैं तथा हालमार्किग प्रणाली की अनिवार्यता को लागू करने के लिए इस संख्या को मजबूत किये जाने की आवश्यकता है।
करीब 21,692 आभूषण विक्रेताओं ने अभी तक हालमार्किग का लाइसेंस लिया हुआ है। फिलहाल, हालमार्किग लेना वैकल्पिक है।
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