मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बुधवार को छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) द्वारा पब्लिक इश्यू की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए एक सख्त नियामक ढांचे को मंजूरी दे दी। साथ ही बोर्ड ने कहा है कि डिबेंचर ट्रस्टी, ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं, इनविट्स, आरईआईटी और एसएम आरईआईटी के लिए व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए सुधारों को मंजूरी दी गई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसके अलावा, नियामक ने निवेश बैंकिंग मानदंडों में बदलाव करने का फैसला किया है।
1 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल प्रॉफिट शो करना होगा
खबर के मुताबिक, एसएमई आईपीओ के संबंध में, सेबी ने कहा कि आईपीओ शुरू करने की योजना बना रहे एसएमई को अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करते समय पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से दो में कम से कम 1 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल प्रॉफिट (ब्याज, मूल्यह्रास और कर से पहले की कमाई - ईबीआईटीडीए) शो करना होगा। सेबी के बोर्ड द्वारा अनुमोदित सुधारों का मकसद एसएमई को एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड और निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए जनता से धन जुटाने का अवसर प्रदान करना है।
सेबी ने बीते दो सालों में एसएमई बोर्ड पर अपनी निगरानी बढ़ा दी
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने एक दिन पहले ही कहा था कि एसएमई की आईपीओ लिस्टिंग के दौरान अधिक उत्साह, कीमतों में हेराफेरी या धोखाधड़ी वाले कारोबारी तौर-तरीकों को रोकने की जरूरत है। भाटिया ने कहा था कि कुछ चिंताजनक पहलू सामने आने के बाद सेबी ने बीते दो सालों में एसएमई बोर्ड पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। इनमें ऐसी कंपनियां शामिल हैं जो तथ्यों को गलत ढंग से पेश करती हैं, जिससे खुदरा निवेशकों के लिए वास्तविक मूल्य और व्यवहार्यता का आकलन कर पाना मुश्किल हो जाता है।
म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन
सेबी ने हाल ही में म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन कर निवेश के नए उत्पाद पेश किये हैं। इसके तहत उच्च जोखिम लेने में सक्षम निवेशकों के लिए विशेषीकृत निवेश कोष के साथ सूचकांक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड से संबंधित योजनाओं के अंतर्गत उदारीकृत ‘म्यूचुअल फंड लाइट’ रूपरेखा पेश की गयी है। सेबी ने कहा कि संबंधित संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) में नए उत्पाद की सभी निवेश रणनीतियों में प्रति निवेशक न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इसमें मान्यता प्राप्त निवेशक शामिल नहीं हैं।
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