टेमासेक होल्डिंग्स तथा टीपीजी समर्थित नेत्र देखभाल सेवा प्रदाता डॉ.अग्रवाल्स हेल्थ केयर ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये करीब 3,000-3,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास शुरुआती दस्तावेज दाखिल किए हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, आईपीओ दस्तावेज के डॉक्यूमेंट्स, आईपीओ 300 करोड़ रुपये तक के नए शेयर और प्रमोटर्स और अन्य शेयर विक्रेताओं द्वारा 6.95 करोड़ शेयर की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन है।
आईपीओ का आकार ₹3,000-3,500 करोड़
खबर के मुताबिक, मर्चेंट बैंकिंग सूत्रों ने आईपीओ का आकार 3,000-3,500 करोड़ रुपये आंका है। आईपीओ दस्तावेज शुक्रवार को दाखिल किए गए। इसके मुताबिक, नए निर्गम से प्राप्त 195 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल कर्ज भुगतान करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा एक हिस्से का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों और अज्ञात अकार्बनिक अधिग्रहण के लिए किया जाएगा। डॉ.अग्रवाल्स हेल्थ केयर मोतियाबिंद और अन्य सर्जरी, परामर्श, निदान, गैर-सर्जिकल उपचार तथा ऑप्टिकल उत्पादों, कॉन्टैक्ट लेंस, सहायक उपकरण और नेत्र देखभाल से संबंधित दवाइयों की बिक्री सहित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है।
किसकी है कितनी हिस्सेदारी
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, मौजूदा समय में कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 37.83 प्रतिशत है, जबकि बाकी हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। इसमें 12.45 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अरवॉन, 15.73 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ क्लेमोर और 33.75 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ हाइपरियन शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नेत्र देखभाल उद्योग के 12-14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है। अनुमान है कि यह वित्त वर्ष 24 में ₹37,800 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2028 तक लगभग ₹55,000- ₹65,000 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
डॉ. अग्रवाल ने नए निर्गम से प्राप्त रकम का उपयोग लोन घटाने और बकाया राशि का उपयोग कॉर्पोरेट उद्देश्यों और अधिग्रहणों के लिए करने की योजना बनाई है। जुलाई 2024 तक, कंपनी का ऋण ₹384 करोड़ था। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कंपनी के ऋण-से-इक्विटी अनुपात में सुधार हुआ है। यह वित्त वर्ष 2023 में 1.3 गुना से गिरकर वित्त वर्ष 24 में 0.70 गुना हो गया है।
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