कब सामने आया ये फर्जीवाड़ा : यह घोटाला कुछ अधिकारियों की मिली भगत से स्विफ्ट मेसेजिंग का दुरुपयोग करने से हुआ था। इस साल जनवरी महीने में पहले के एलओयू की अवधि खत्म हो गई और भारतीय बैंकों की विदेशी शाखओं को कर्ज की रकम वापस नहीं मिली तो इस मामले पर से पर्दा उठा। तब उन्होंने पीएनबी से संपर्क किया जिसने बताया कि उन्हें फर्जीवाड़े से गारंटी दी गई थी।