Why Google Glass Failed: गूगल ग्लास की कहानी लगभग 2013 में शुरू हुई थी जब स्मार्टफोन का चलन तेजी से बढ़ रहा था। उसी समय गूगल ने मार्केट में गूगल ग्लास को पेश किया था। उस समय गूगल के इस ग्लास वाले कॉन्सेप्ट को देखकर हर कोई हैरान था और सबको यही लगने लगा था यह टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया को बदल देगी। ऐसा इसलिए था क्योंकि गूगल ग्लास में गूगल ने कई ऐसे फीचर्स दे दिए थे जिसकी कल्पना करना भी उस समय मुश्किल था।
दरअसल गूगल का गूगल ग्लास एक समान्य चश्मा की ही तरह था। लेकिन इसके फीचर्स सबसे हटके थे। यह एक ऐसा चश्मा था जिससे आप फोटो भी क्लिक कर सकते थे। हाईटेक और इंप्रेसिव फीचर्स होने के बावजूद इस ग्लास को उतनी तरक्की नहीं मिल सकी जिसकी कंपनी को उम्मीद थी और अब करीब 10 साल बाद गूगल ने इस ग्लास को बंद कर दिया है। गूगल ने इसको बंद करने का ऐलान किया और बताया कि 15 सितंबर के बाद गूगल ग्लास का सॉफ्टवेयर सपोर्ट भी बंद कर दिया जाएगा।
मैसेज पढ़ने के लिए स्क्रीन का सपोर्ट
आपको बता दें कि गूगल ग्लास दूर से देखने में तो एक नॉर्मल ग्लास की ही तरह दिखता था लेकिन इसमें कूट-कूट कर के टेक फीचर्स भरे हुए थे। इस ग्लास को ब्लूटूथ के माध्यम से कंप्यूटर से कनेक्ट किया जा सकता है और इसके राइट हैंड साइड वाले ग्लास में एक छोटी सी स्क्रीन भी रहती है जिससे आपके स्मार्टफोन में आने वाले मैसेज को पढ़ा जा सकता था। इतना ही नहीं अगर आपके स्मार्टफोन में कोई कॉल आ रहा होता है तो इसकी भी इंफॉर्मेशन स्क्रीन में आ जाती है।
मौसम अपडेट्स और ट्रैफिक की भी जानकारी
गूगल ग्लास में लगी स्क्रीन में मौमस और ट्रैफिक की जानकारी भी मिल सकती है। इतना ही नहीं यह ग्लास आपको वेदर अपडेट्स भी देता है। चश्मे के कॉर्नर में एक छोटा सा कैमरा दिया गया जो फोटो क्लिक कर सकता है और वीडियो भी बना सकता है। इस कैमरे से आप वो सब रिकॉर्ड कर सकते हैं जो आप अपने सामने देख रहे होंगे। इसके साथ ही इस गूगल ग्लास में आपको माइक और स्पीकर का भी सपोर्ट मिलता है ताकि आप आराम से फोन कॉल कर सकें।
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