गूगल ने यूजर्स एक्सपीरिएंस और सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक कमाल का फीचर स्टार्ट किया है। इसकी मदद से आपके ब्राउजर का इस्तेमाल कोई भी दूसरा व्यक्ति नहीं कर पाएगा। यानि आपका ब्राउजर आपके मर्जी के बगैर एक सर्च तक नहीं कर सकेगा।
पासवर्ड सपोर्ट की सुविधा शुरू
गूगल ने बेहतर सुरक्षा के लिए स्टेबल एम108 वर्जन के साथ क्रोम में पासवर्ड सपोर्ट की सुविधा शुरू कर दी है। कंपनी ने गुरुवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि पासकी पासवर्ड और अन्य फिशेबल प्रमाणीकरण फैक्टर्स के लिए यहएक सुरक्षित रिप्लेसमेंट है।
सभी OS में करेगा सपोर्ट
वे अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि उनका दुबारा उपयोग नहीं किया जा सकता है, सर्वर उल्लंघन नहीं करते हैं और यूजर्स को फिशिंग हमलों से बचाते हैं। पासकी इंडस्ट्री स्टैंडडर्स पर बनाई गई हैं और विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) में काम कर सकती है। उसका उपयोग उन वेबसाइटों और एप्लिकेशन दोनों के साथ किया जा सकता है, जिसमें क्रोम काम करता है। पासकी से साइन इन करने के लिए, यूजर्स को खुद को उसी तरह प्रमाणित करना होगा जैसे वे किसी डिवाइस को अनलॉक करते हैं।
कंपनी ने दी जानकारी
कंपनी ने कहा, "क्रोम के लेटेस्ट वर्जन के साथ, हम विंडोज 11, मैकओएस और एंड्रॉइड पर पासकी को सक्षम कर रहे हैं। एंड्रॉइड पर आपके पासकी को गूगल पासवर्ड मैनेजर या पासकी का सपोर्ट करने वाले किसी अन्य पासवर्ड मैनेजर के माध्यम से सुरक्षित रूप से सिंक किया जाएगा।"
यूजर्स डेस्कटॉप डिवाइस पर अपने आस-पास के स्मार्टफोन से पासकी का उपयोग करना भी चुन सकते हैं। एक सुरक्षित रूप से उत्पन्न कोड का वेबसाइट के साथ आदान-प्रदान किया जाता है, इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे लीक किया जा सके।
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