भारत में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के साथ ही कर्ज मिलना काफी आसान हो गया है। अब आपको सिर्फ बैंक ही नहीं बल्कि नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से भी पर्सनल लोन ही नहीं बल्कि होम और कार जैसे बड़े कर्ज भी मिल जाते है। दूसरी ओर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में वृद्धि के साथ ही ढेरों एप भी बाजार में आ गई हैं जो आसान शर्तों पर लोन बांट रही है। लेकिन इनसे आपको सावधान रहने की जरूरत है। इन एप्स के फर्जीवाड़े के चलते लोग लुट भी रहे हैं।
केंद्र सरकार ने लोकसभा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की फाइडिंग रिपोर्ट के हवाले से बताया कि भारत में करीब 600 से ज्यादा फर्जी कर्ज देने वाली ऐप्स मौजूद हैं। यह ऐप्स एपल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर्स जैसे विश्वसनीय प्लेटफॉर्म पर हैं।
सरकार कसेगी फर्जी लोन ऐप पर शिकंजा
लोन बांटने वाली एप्स का यह फर्जीवाड़ा सरकार के लिए भी सिरदर्द बन गया है। ऐसे में सरकार इस पर शिंकजा कसने की तैयारी में है। आरबीआई की ओर से जनवरी में गठित एक कमेटी ने ग्राहकों के हित की सुरक्षा के लिए एक नोडल एजेंसी के गठन का सुझाव दिया गया है।
27 फर्जी ऐप्स पर लगा प्रतिबंध
लोकसभा में जब यह पूछा गया कि सरकार ने इन अवैध ऐप के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है? तो इस संबंंध में जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की तरफ से 27 फर्जी कर्ज देने वाले ऐप्स को ब्लॉक किया गया है।
रिजर्व बैंक के सचेत पोर्टल पर करें शिकायत
मंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से एक पोर्टल सचेत (Sachet) को स्थापित किया है। जहां पर फर्जी ऐप्स की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसी फर्जी ऐप्स की जनवरी 2020 से मार्च 2021 के दौरान 2,562 शिकायतें मिली हैं। सचेत' पोर्टल पर, आरबीआई की ओर से फर्जी ऐप्स के खिलाफ शिकायतें कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के लिए पंजीकृत संस्थाओं के रजिस्ट्रार को भेजी जाती हैं। साथ ही शिकायतकर्ता के राज्य के आर्थिक अपराध विंग को भेजी जाती हैं।
ये हैं टॉप 8 राज्य
फर्जी लोन ऐप से फर्जीवाड़े की सबसे ज्यादा घटनाएं देश के 8 प्रमुख राज्यों से आई हैं। इसमें सबसे आगे है कर्नाटक। इसके अलावा दिल्ली,हरियाणा,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश,यूपी,पश्चिम बंगाल,तमिलनाडु भी इस सूची में शामिल हैं।
RBI ने राज्यों को ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखने को कहा
23 दिसंबर 2020 को, आरबीआई ने आम जनता को “अनधिकृत डिजिटल लोन प्लेटफॉर्म या मोबाइल ऐप की अनैतिक गतिविधियों” के शिकार नहीं होने के लिए आगाह किया था। MoS Finance ने कहा कि इसने लोगों से कंपनी या इस तरह के ऋण की पेशकश करने वाली फर्म को वेरिफाई कर लेने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने राज्यों को अपने संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से ऐसे प्लेटफॉर्म या ऐप पर नजर रखने के लिए सलाह जारी की है।
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