India's Slowest Train: भारत में इन दिनों वंदे भारत के आने के बाद से सेमी-हाईस्पीड और हाई-स्पीड ट्रेन की प्लानिंग हो रही है। वंदे भारत ट्रेन की बात करें तो ये दिल्ली से वाराणसी की करीब 759 किलोमीटर की दूरी मात्र 8 घंटे में पूरी कर लेती है। वहीं दिल्ली से आगरा की करीब 200 किलोमीटर की दूरी गतिमान एक्सप्रेस मात्र 1 घंटे 40 मिनट में पूरी कर लेती है।
अब हम आपको कहें भारत की एक ट्रेन आज भी 5 घंटे में 46 किलोमीटर की दूरी तय करती है और फिर भी यात्री खुश होकर इस ट्रेन का टिकट बुक करवाते हैं, तो आप विश्वास नहीं करेंगे, पर ये सच है।
मेत्तुपलयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन-
इस पेसेन्जर ट्रेन की स्पीड मात्र 10 किलोमीटर प्रति घंटा है क्योंकि इस ट्रेन के सफर में चाय में बागान, पहाड़ों के खूबसूरत नजारे, कई टनल्स और बहुत से ब्रिज आते हैं। हिमाचल में शिमला और कालका के बीच चलती टॉय ट्रेन की तरह ही इस ट्रेन को भी यात्रियों-सैलानियों के हिसाब से बहुत धीरे-धीरे चलाया जाता है। इस ट्रेन के पांच स्टॉपेज भी हैं जिसमें कॉनून, वेलिंगटन, आरवनकाडु, केट्टी और लवडाले शामिल है।
यूनेस्को की तरफ से हेरिटेज का मिला है दर्जा-
इस ट्रेन को बनाने की तैयारी 1891 में अंग्रेजों द्वारा की गई थी और 17 साल बाद 1908 में इसका काम पूरा हुआ था। हालांकि इस ट्रेन का पहला प्रस्ताव 1854 में ही रखा गया था पर तब नीलगिरी पहाड़ियों में काम करने लायक न लेबर मौजूद थी और न मशीनरी अवैलेबल थी। लेकिन 1891 में संसाधनों के साथ ही ट्रेन लाइन बिछाने का काम शुरु हो गया। इस ट्रेन से तमिलनाडु में मेट्टुपालयम से ऊटी तक नजारे देखते हुए ट्रैवल करना सैलानियों का पसंदीदा काम है।
इस ट्रेन में दो क्लास हैं, एक फर्स्ट क्लास है और दूसरी सेकंड क्लास है। फर्स्ट क्लास में कम सीट्स हैं बढ़िया गद्देनुमा बैठने की व्यवस्था है वहीं सेकंड क्लास में बेंच सिस्टम है। 2016 से पहले तक इसमें तीन ही कोच होते थे लेकिन अब इसकी बढ़ती डिमांड के चलते इसमें एक कोच बहुत बढ़ा दिया गया था।
बुकिंग करनी है आसान-
शिमला-कालका की टॉय ट्रेन या दार्जिलिंग हिमालयन ट्रेन की तरह ही इस ट्रेन की बुकिंग भी मुश्किल से मिलती है पर बुकिंग करना बहुत आसान है। आप आईआरसीटीसी की ऑफिशियल वेबसाइट से इसकी टिकट बुक कर सकते हैं। इसमें सेकंड सिटिंग का किराया 270 रुपये है वहीं फर्स्ट क्लास का किराया 545 रुपये है।
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